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वाराणसी के गिरजाघरों में तैयारी अंतिम चरण में,

प्रभु यीशु के जन्म में महज एक सप्ताह बचा हुआ है। वाराणसी में ईसाई समाज के लोग उत्सव की तैयारी में लगे हैं। महागिरजाघर में चरनी को अंतिम रूप दिया जा रहा हैं। बेकिंग हाउस में भी केक के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है। सुबह चार बजे से आने के बाद भी लोगों को केक के लिए नबंर नहीं मिल पा रहा है। कुछ को शाम तो कुछ को रात तक हो जा रही है।

छावनी स्थित सदर इलाके में बेकिंग हाउस के बाहर आसपास के जिलों के लोग भी पहुंचे रहे हैं। उधर,  बाजारों में सेंटा क्लॉज की टोपी, मफलर, जैकेट के साथ अन्य सामानों के साथ केक, कुकीज की भी बिक्री हो रही है। कैंटोंमेंट स्थित महागिरजाघर में कारीगर प्रभु यीशु के जन्म के लिए चरनी को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

सेंट मैरिज चर्च परिसर को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया जा रहा है। प्रभु यीशु के बाल स्वरूप के लिए रथ भी लगभग तैयार हो चुका है।

सदर बाजार स्थित बेकिंग हाउस संचालक मोहम्मद आरिफ बताते हैं कि इस समय क्रिसमस को लेकर सबसे ज्यादा केक और पेस्ट्री की मांग है। रम, प्लम व फ्रूट केक की अलग-अलग वैरायटी तैयार की जा रही है।

सदर बाजार में बेकिंग हाउस संचालक मोहम्मद आसिफ ने बताया कि रोज 10 से 15 लोग पहुंच रहे हैं। बीएचयू और मिर्जापुर से विनीत विक्टर केक लेने पहुंचे। बीएचयू अस्पताल में कार्यरत सजित ने बताया कि 20 साल से यहां से केक ले रहे हैं। इस साल भी फ्रूट केक तैयार करा रहे है। महमूरगंज निवासी प्रकाश ने बताया कि सुबह से आया हूं। शाम 4 बजे नंबर आया।

प्रभु यीशु के जन्म में महज एक सप्ताह बचा हुआ है। वाराणसी में ईसाई समाज के लोग उत्सव की तैयारी में लगे हैं। महागिरजाघर में चरनी को अंतिम रूप दिया जा रहा हैं। बेकिंग हाउस में भी केक के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है। सुबह चार बजे से आने के बाद भी लोगों को केक के लिए नबंर नहीं मिल पा रहा है। कुछ को शाम तो कुछ को रात तक हो जा रही है।

छावनी स्थित सदर इलाके में बेकिंग हाउस के बाहर आसपास के जिलों के लोग भी पहुंचे रहे हैं। उधर,  बाजारों में सेंटा क्लॉज की टोपी, मफलर, जैकेट के साथ अन्य सामानों के साथ केक, कुकीज की भी बिक्री हो रही है। कैंटोंमेंट स्थित महागिरजाघर में कारीगर प्रभु यीशु के जन्म के लिए चरनी को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

सेंट मैरिज चर्च परिसर को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया जा रहा है। प्रभु यीशु के बाल स्वरूप के लिए रथ भी लगभग तैयार हो चुका है।