कोरोनावायरस के हॉटस्पॉट इंदौर में इस संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए प्रशासन द्वारा कई कदम उठाए जा रहे है। अब नगर निगम द्वारा कोविड-19 से संबंधित वेस्ट के लिए हरे-नीले रंग के लिटरबिन के साथ अब पीले रंग के लिटरबिन लगाए जा रहे हैं। शहर में इस तरह के 2000 लिटरबिन लगाने की शुरुआत एमवायएच और दवा बाजार क्षेत्र से हो चुकी है।
नगर निगम अधिकारियों के अनुसार, पूरे शहर में विभिन्न स्थानों पर लगे हरे और नीले लिटरबिन के साथ पीले लिटरबिन लगाए जा रहे हैं। फिलहाल, लोग कोरोनावायरस के संक्रमण से बचाव के लिए उपयोग किए गए मास्क, ग्लव्स, कैप, सैनिटाजर की खाली बोतलों और अन्य वस्तुओं को नीले रंग के लिटरबिन में डाल रहे हैं या सड़क पर ही फेंक रहे हैं। इसे रोकने के लिए थर्ड लिटरबिन लगाने के निर्देश केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा दिए गए हैं। थर्ड लिटरबिन लगाने की शुरुआत एमवायएच रोड और दवा बाजार क्षेत्र से की जा चुकी है। अब तक लगभग 10 पीले लिटरबिन लगाए भी जा चुके हैं। अधकारियों के अनुसार, इस काम की गति फिलहाल थोड़ी धीमी है क्योंकि पीले रंग के लिटरबिन की आपूर्ति में देर हो रही है।
कचरा गाड़ियों में नहीं लगेगा
इंदौर में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण के लिए जाने वाली गाड़ियों में पहले से ही थर्ड बिन लगे हैं जिनमें जैविक कचरा डाला जाता है। इसलिए इन गाड़ियों में अलग से लिटरबिन लगाने की जरूरत नहीं है। जैविक कचरे वाले डिब्बे में ही कोविड-19 से संबंधित वेस्ट को डाला जा सकता है।
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