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विवाह में 50 से भी कम लोगों को निमंत्रण

महामारी के दौर में भी विवाह शुरू हो गए। हालांकि 30 जून के बाद चार माह तक विवाह मुहूर्त नहीं है। इधर जो विवाह हो रहे हैं, उनमें दूल्हा-दुल्हन के परिजन स्वयं ही संक्रमण के कारण रिश्तेदारों की संख्या भी कम रख रहे हैं और समय भी कम चाहते हैं। ऐसा ही नजारा एक विवाह समारोह में देखने को मिला।
मंगलवार को इंदौर के भास्कर राव मोरे के बेटे प्रवीण का विवाह भट्ट मोहल्ले में रहने वाले चेतन वाघ की पुत्री काजल वाघ से हुआ। इसमें अनुमति 50 रिश्तेदारों की सम्मिलित होने की थी लेकिन दूल्हा-दुल्हन और उनके परिवार वालों की सहमति से 20-20 लोगों को ही आमंत्रित किया गया। दुल्हन की मां रजनी वाघ ने बताया कि पंडित द्वारा 17 मई की तारीख को विवाह होना था। इसकी तैयारी हमने पहले से ही कर ली थी, परंतु एक के बाद एक लॉकडाउन लगते ही चले गए। इसके बाद दूसरा शादी का मुहूर्त निकाला गया था, क्योंकि 30 जून के बाद आने वाले 4 माह में कोई मुहूर्त नहीं है। दुल्हन की बहन निकिता वाघ ने बताया कि 17 मई की शादी में 2 हजार लोगों को आमंत्रित किया गया था, लेकिन 16 जून की शादी में केवल 40 लोगों को ही बुलाया गया। इसमें गणेश पूजन व माता पूजन घर पर ही हुआ तथा महिला मंडल के कार्यक्रम 2 घंटे में संपन्न हुए। बारातियों का भोजन भी घर पर ही रखा गया।
पंडित की शर्त पर मास्क पहनकर हुए फेरे
दुल्हन की बहन गुनीशा वाघ ने बताया कि पंडित ब्रजकिशोर त्रिवेदी ने दूल्हा प्रवीण और दुल्हन काजल का विवाह संपन्न कराया। उन्होंने विधि विधान से मंत्रोच्चार के साथ 2 घंटे में ही विवाह संपन्न करा दिया, लेकिन विवाह से पहले उन्होंने दूल्हा-दुल्हन के माता-पिता के सामने पहली शर्त यह रखी थी कि कोई भी नियम को नहीं तोड़ेगा और सोशल डिस्टेंस के साथ मास्क पहनकर ही फेरे होंगे। कार्यक्रम में जो भी लोग उपस्थित रहेंगे वे भी मास्क लगाकर रहेंगे। इस प्रकार दूल्हा दुल्हन ने मास्क पहनकर ही फेरे लिए। इधर, जून माह में अब विवाह के 6 मुहूर्त ही हैं। ज्योतिषाचार्य अभय शर्मा ने बताया गया कि 30 जून के बाद देव सो जाएंगे। इसके बाद आने वाले माह में कोई विवाह के शुभ मुहूर्त नहीं है। अब 25, 26, 27, 28, 29 व 30 जून के मुहूर्त है।