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मोदी ने कहा- आचार्य के आशीर्वाद से तेरापंथ मेरा पंथ बन गया, उनके जैसे जीवन के लिए खुद को तपाना पड़ता है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को श्वेतांबर जैन संत आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी को उनकी जन्म शताब्दी पर याद किया। उन्होंने कहा कि आचार्य जी का नमन करता हूं। आप में से कई लोग ऐसे हैं जिन्हें आचार्य श्री के सत्संग और साथ का अनुभव हुआ। मैं अपने आप को भाग्यशाली मानता हूं कि मुझे आचार्य श्री का आशीर्वाद और सानिध्य मिला। गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए मुझे मानव सेवा की यात्रा में शामिल होने का सौभाग्य मिला था। तब मैंने आचार्य जी से कहा था कि यह तेरा पंथ मेरा पंथ बन जाए। उनके आशीर्वाद से तेरा पंथ मेरा पंथ बन गया और मैं भी आचार्य श्री का बन गया। उनके युग ऋषि जैसे जीवन में अपने लिए कुछ नहीं होता। उनका विचार उनका चिंतन समाज के लिए और मानवता के लिए ही होता है। 

मोदी के संबोधन की 4 अहम बातें

मेरा छोड़ो, सब तुम्हारा होगा
आचार्य श्री कहते थे कि मैं और मेरा छोड़ो तो सब तुम्हारा होगा। उनके जीवन में यह दिखाई भी देता था। इस तरह का जीवन जीने वाला आसानी से नहीं मिलता। जीवन को इस स्थिति तक ले जाने के लिए तपना पड़ता है। अपने आप को तपाना पड़ता है। समाज के लिए खपना पड़ता है। तिल-तिल जलना पड़ता है। यह आसान नहीं है, असाधारण व्यक्तित्व ही ऐसा कर पाता है। 

आचार्य का ज्ञान बेहद व्यापक था
साथियों आप भी आचार्य श्री के साहित्य को पढ़ेंगे तो आप को भी अनुभव होगा कि कितने ही महापुरुषों की छवि उनके भीतर थी। उनका ज्ञान कितना व्यापक था। जितना उन्होंने अध्यात्म पर लिखा है, उतना ही इकोनॉमी, फिलॉसफी पर भी लिखा है। उन्होंने 300 से ज्यादा किताबें लिखी हैं। ‘द फैमिली एंड द नेशन’ महाप्रज्ञ जी ने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जी के साथ मिलकर लिखी थी। इसे आप सबको पढ़ना चाहिए।
 
दो संतों को एक साथ देखने का मौका मिला
जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था तब अब्दुल कलाम जी गुजरात आए थे, तब मैं भी उनके साथ आचार्य के दर्शन करने गया था। तब मुझे दोनों महापुरुषों के सानिध्य का अवसर मिला। तब मुझे पता चला कि हमारे यहां एक वैज्ञानिक कैसे ऋषि हो सकता है और एक ऋषि वैज्ञानिक जैसा ज्ञानी हो सकता है। 

देश संतों के संकल्प को साकार करेगा
मुझे विश्वास है कि जिस समाज और राष्ट्र का संकल्प संत महात्माओं ने हमारे सामने रखा है। हमारा देश उस संकल्प को सिद्ध करेगा। आप सब उस सपने को साकार करेगा। आप सब स्वस्थ्य रहें। सकुशल रहें। संत प्रवर महाप्रज्ञ के संदेश को नई पीढ़ी तक पहुंचाते रहें।