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झारखंड के लाल ने अपने काम से “मालियों” का दिल जीता

Shailendra verma

Ranchi: झारखंड के लाल और अफ्रीकी देश माली में भारत के राजदूत अंजनी कुमार ने अपने कार्यों से माली के लोगों को अपना मुरीद बना लिया है. उनके काम की जमकर तारीफ की जा रही है. उन्हें सही मायने में सफल राजदूत कहा जा रहा है. माली के विदेश मंत्री अब्दुलाय जौप ने भी एक समारोह में अंजनी कुमार के कार्यों की जमकर सराहना की है. इससे विदेश की धरती में हमारे देश का मान बढ़ा है. भारत के विदेश मंत्रालय ने भी इसकी सराहना की है. यह झारखंड और खासकर रांची के लिए गर्व का विषय है, क्योंकि अंजनी झारखंड की राजधानी रांची के लाल हैं. बीते 26 जनवरी को माली की राजधानी बामाको में आयोजत भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में माली के विदेश मंत्री अब्दुलाय जौप मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित थे. इस समारोह में माली स्थित विभिन्न देशों के राजदूत और राजनयिक के साथ-साथ माली के विभिन्न क्षेत्रों से कई गणमान्य लोग व भारतीय समुदाय के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे. विदेश मंत्री अब्दुलाय जौप ने अपने संबोधन में अंजनी के लिए कहा कि मैं व्यक्तिगत तौर पर यह संदेश देना चाहूंगा कि इस समारोह में इसलिए आया हूं कि श्रीमान राजदूत आपने मालियों का दिल जीत लिया है. आपने राजदूत ने सार्वजनिक कूटनीति को बढ़ावा दिया है. उन्होंने विभिन्न मालियन समुदायों के साथ खुद को इस हद तक एकीकृत कर लिया है कि वे राजदूत के रूप में हमें कड़ी टक्कर देते हैं. राजदूत और उनका परिवार बाम्बारा में माली का राष्ट्रगान गाता है, जो मुझे यकीन है कि अगर हम माली के नागरिकों के बीच बाम्बारा में माली का राष्ट्रगान गाने की प्रतिस्पर्धा हो, तो हममें से कुछ ही लोग राष्ट्रभाषा में राष्ट्रगान गा पाएंगे. आप हमारे लोगों के साथ घुल-मिल रहे हैं. मुझे पता है कि आप भी संस्कृति से प्यार करते हैं, आप कला से प्यार करते हैं. आप लोगों को एक साथ लाने के लिए एक शानदार काम कर रहे हैं. क्योंकि अगर लोग एक दूसरे को नहीं जानते हैं, अगर लोग एक दूसरे के साथ नहीं हैं, अगर लोग एक दूसरे से प्यार नहीं करते हैं तो दो देश एक साथ नहीं आ सकते है. राष्ट्र जो कुछ भी करता है, वह निश्चित रूप से अपने लोगों के नाम पर और उनके लिए ही करता है. इसीलिए यह जरूरी है कि राष्ट्र की पहल में लोग स्वयं शामिल हों और उसमें खुद को महसूस करें. आज मैं यहां आपके असाधारण कार्य की पुष्टि करने और आपको बधाई देने आया हूं.

कई बार अंजनी के नाम पर बजीं तालियां
इस संबोधन के दौरान समारोह में कई बार अंजनी के नाम पर तालियां बजीं. लोगों ने जमकर उनका अभिवादन किया. अंजनी को कला से विशेष लगाव है. इसलिए उक्त समारोह में माली के कई नामी कलाकारों बबानी, हबीब और कई अन्य ने भी शिरकत की थी. माली के विदेश मंत्री ने भी इसका उल्लेख किया.

2003 में सिविल सेवा परीक्षा पास की
अंजनी, ‘बंटी’ का लालन-पालन, शिक्षा-दीक्षा से लेकर विवाह तक, सभी रांची के बरियातू हाउसिंग कॉलोनी में हुआ. उनके पिता स्वर्गीय डॉ केएन सहाय रांची विश्वविद्यालय के मानवशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष थे. अंजनी ने रांची के बिशप वेस्टकॉट ब्वॉयज, संत एंथोनी से स्कूल की पढ़ाई की. फिर 1988-90 में संत जेवियर्स कॉलेज से इंटर आर्ट्स और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर करने के बाद 1988 में रांची विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई भी की. इसके बाद वर्ष 2003 में सिविल सेवा की परीक्षा में 48 रैंक लाकर भारतीय विदेश सेवा का चयन किया. इसके बाद स्पेन, मेक्सिको, वेनेजुएला में अपनी सेवा दे चुके हैं. नई दिल्ली में तत्कालीन विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह के विभाग में निदेशक, सह सचिव के पद पर भी योगदान दे चुके हैं. संयुक्त राष्ट्र स्थित भारत के स्थाई मिशन में काउंसलर भी रह चुके हैं. वे बीते दो सालों से माली के राजदूत के रूप में अपनी सेवा दे रहे हैं.

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‘ऑपरेशन राहत’ का भी हिस्सा बने
अप्रैल 2015 में यमन में फंसे सैकड़ों भारतीय और विदेशी नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए भारत की ओर से किए गए ‘ऑपरेशन राहत’ का भी वे अहम हिस्सा बने. तब वे नई दिल्ली में तत्कालीन विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह के साथ निर्देशक के रूप में कार्यरत थे, तब यमन के दिबूटी में साढ़े तीन हजार से अधिक भारतीय सहित अन्य देशों के लिए फंस चुके थे. एक से नौ अप्रैल 2015 तक यह रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार चला. माली में फंसे भारतीयों (ज्यादातर झारखंड के) मजदूरों को स्वदेश भेजने में कारगर भूमिका निभाई.

यूट्यूब पर उनका चैनल भी छाया हुआ है
अंजनी कुशल फोटोग्राफर भी हैं. यूट्यूब पर उनका ‘द वर्ल्ड इज वन’ नामक अपना चैनल भी है. इसमें उन्होंने 16 हजार से ज्यादा वीडियो फिल्में बनाई हैं. उनके चैनल के 32 हजार 600 सब्सक्राइबर हैं. उनकी कुछ फिल्मों को भी तो दुनियाभर के लोगों ने बहुत पसंद किया है और शानदार कमेंट व लाइक भेजे हैं. वे अपने इस शौक को ऐसे ही जारी रखे हुए हैं. उनके इस शौक में रांची की ही रहनेवाली उनकी पत्नी इंदुमती और दो बेटियां मिशिका और अविला भी पूरा सहयोग करती हैं.