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राजनीतिक आकाओं के इशारे पर काम कर रही एनआईए, अपने बचाए जा रहे: तुलिका

झीरम में हुए नक्सली हमले की जांच एसआईटी से ही कराए जाने की मांग फिर से उठने लगी है। दिवंगत महेन्द्र कर्मा की बेटी तुलिका आैर उदय मुदलियार के बेटे जितेन्द्र मुदलियार ने इस मामले की जांच में एनआईए पर खानापूर्ति का आरोप लगाते हुए कहा कि एनआईए अपने राजनीतिक आकाओं के इशारे पर काम कर रही है आैर वह कुछ लोगों को बचाना चाहती है।

राजीव भवन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए जितेन्द्र मुदलियार ने कहा कि झीरम घाटी में हुई नक्सली वारदात में कांग्रेस के 13 नेताओं सहित कुल 29 लोग मारे गए और दर्जनों लोग घायल हुए थे। इस हत्याकांड की जांच का जिम्मा एनआईए काे सौंपा गया था और इसकी जांच के लिए आयोग भी बनाया गया था। लेकिन, एनआईए अपनी जांच ठीक तरह से शुरू कर पाती, केंद्र में यूपीए की सरकार की जगह एनडीए की सरकार आ गई। इसके बाद लीपापोती शुरू हुई, वह हम सब लोगों को पीड़ा पहुंचाती है।  

इस मामले में तुलिका कर्मा ने कहा कि इस घटना के बाद सबसे पहले वह दरभा थाने पहुंची, उन्होंने थाने के भीतर के स्टाफ को बाहर निकलने की आवाज भी लगाई। लेकिन, काेई भी बाहर नहीं निकला। उन्होंने कहा कि मामले में आज तक उनसे कोई बयान तक नहीं लिया गया है। पूरा छत्तीसगढ़ जानता है कि इस नरसंहार के पीछे कोई बड़ा राजनीतिक षडयंत्र था। लेकिन, न तो एनआईए ने इस षडयंत्र की जांच की और न आयोग के जांच के दायरे में षडयंत्र को रखा गया।

जितेन्द्र और तुलिका ने कहा कि एनआईए ने तो इस तरह जांच की है कि मानों यह कोई साधारण हमला था। न तो सभी संबंधित पक्षों के बयान लिए गए और न ठीक तरह से गिरफ़्तारियां की गई। बता दें कि झीरम घाटी में नक्सलियोंन ने कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष नंदकुमार पटेल,विद्याचरण शुक्ला, महेंद्र कर्मा, उदय मुदलियार,दिनेश पटेल और योगेंद्र शर्मा सहित13 कांग्रेस नेताओं की हत्या कर दी थी।

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