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विभिन्न देशों के बीच संबंध बनाने का मजबूत मंच है संस्कृति: केन्द्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार

जी-20 संस्कृति कार्य समूह (सीडब्ल्यूजी) की पहली बैठक गुरूवार को खजुराहो के महाराजा छत्रसाल कन्वेंशन सेंटर में हुई। केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार तथा केन्द्रीय संस्कृति राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने प्रथम-सत्र को संबोधित किया।

केन्द्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि संस्कृति, सतत एवं समावेशी विकास का मार्ग बनाने के उद्देश्य से विभिन्न देशों तथा समुदायों के बीच संबंध बनाने का मंच है। उन्होंने कहा कि जी-20 के एजेंडे के भीतर संस्कृति को एकीकृत करना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि रही है। सांस्कृतिक-आर्थिक विकास, सामाजिक सामंजस्य और पर्यावरण-संरक्षण को प्रोत्साहन देने के लिए संस्कृति एक शक्तिशाली साधन हो सकती है।

केन्द्रीय मंत्री डॉ. कुमार ने कहा कि जी-20 बैठक की थीम “वसुधैव कुटुम्बकम-एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य” विश्व में सभी के लिए एक स्थायी, समग्र और जिम्मेदारी से न्यायपूर्ण और उचित विकास के लिए प्रयास करने का शक्तिशाली संदेश देता है।

केन्द्रीय राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने कहा कि जी-20 समूह मानवीय प्रयासों तथा मानवता को सांस्कृतिक दृष्टिकोण से देखता है। संस्कृति हम सभी को जोड़ती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में लैंगिक अधिकारों, महिला समानता पर बहुत बल दिया जाता है, लेकिन हड़प्पा युग से संबंधित डांसिंग गर्ल की कांस्य प्रतिमा साफतौर यह दिखाती है कि लैंगिक समानता क्या थी। यह दिखाता है कि हमारे देश में हजारों साल पहले भी लैंगिक समानता ने न केवल महिलाओं को मान्यता दी बल्कि उन्हें ऊर्जा के रूप में, देवी रूप में पूजा जाता था। भारतीय संस्कृति के बारे में उन्होंने कहा कि भारतीय लोकाचार हमेशा महिलाओं की समानता, पर्यावरण-संरक्षण तथा स्थिरता के लिए खड़ा रहा है जो आज विश्व के समक्ष मुद्दे हैं। केन्द्रीय राज्य मंत्री श्रीमती लेखी ने कहा कि जी-20 कार्य समूह को सांस्कृतिक खजाने को समृद्ध करने के मार्ग में आने वाली बाधाओं पर विचार-विमर्श करना होगा। उन्होंने कहा कि ये मानवीय खजाने हैं और ये खजाने न केवल आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं बल्कि देश के सांस्कृतिक लोकाचार से इनका संबंध है।

केन्द्रीय संस्कृति सचिव श्री गोविन्द मोहन ने कहा कि कोविड के दौरान सांस्कृतिक स्थलों के बंद होने के कारण संस्कृति क्षेत्र को चुनौतियाँ झेलनी पड़ी। यद्यपि जलवायु परिवर्तन ने इस क्षेत्र की अति संवेदनशीलता को बढ़ा दिया है। अब एक साथ काम करने तथा हमारी साझी विरासत की रक्षा करने की तत्काल आवश्यकता है। जी-20 संस्कृति समूह की बैठक में 20 सदस्य देश एवं अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और संस्कृति मंत्रालय के अधिकारी भाग ले रहे हैं।

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