जब दिग्विजय सिंह का प्रदेश में शासनकाल था तब लोगों को बिजली के झटके लगते रहते थे और उन्हें बिजली संकट का सामना करना पड़ता था? भाजपा सरकार के २० वर्ष के शासनकाल अब पुन: इस प्रदेश में २००३ जैसी स्थिति निर्मित हो गई है? प्रदेश के जिलों की तो बात छोडिय़े अब राजधानी में भी घंटो बिजली गुल कभी मेंटनेंस के नाम पर तो कभी कटौती के नाम पर बिजली बंद की जाती है? अब तो विद्युत मण्डल ने एक नया बिजली काटने के लिये तरीका ढूंढ निकाला है जब उनसे शिकायत की जाती है तो वह कहते हैं कि मेन लाइन से बिजली बंद हो जाती है, तो उनका कहना है मेन लाइन पर पक्षियों के कारण फाल्ट हो गया है सुधार हो रहा है जल्द आ जाएगी… लेकिन इसके बाद भी घंटो बिजली मयस्सर नहीं हो पाती है? इन दिनों जब बच्चों की परीक्षाओं का समय चल रहा है उस समय सुबह से शाम तक कभी भी घंटों बिजली चली जाती है…? इस तरह की घटनाओं से अब लोगों को तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कार्यकाल की याद पुन: आ जाती है.
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