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आज से नहीं चलेंगी सिटी बसें, 12 अगस्त तक ट्रेनें भी नहींकिर्गिस्तान से लौटे 9 मेडिकल छात्र संक्रमित, रामानुजगंज विधायक का बेटा भी शामिल;

छत्तीसगढ़ के रायपुर में गुरुवार रात कोराेना के 9 नए मरीज मिले हैं। यह सभी किर्गिस्तान से लौटे मेडिकल छात्र हैं। इनमें रामानुजगंज विधायक बृहस्पति सिंह का बेटा भी शामिल हैं। सभी छात्र दो हॉस्टलों में पेड क्वारैंटाइन में थे। इन्हें शुक्रवार को अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है। विधायक सिंह ने अपने बेटे सहित रूस और किर्गिस्तान में फंसे सूरजपुर, अंबिकापुर व बलरामपुर के छात्रों को वापस लाने के लिए राज्यपाल और मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी।  

बस ऑपरेटर की दोपहर 2 बजे परिवहन मंत्री के साथ बैठक
राज्य सरकार ने सिटी बसें शुक्रवार से नहीं चलाने की इजाजत दी है, लेकिन ऑपरेटर तैयार नहीं है। उन्होंने बस चलाने से इनकार करते हुए सरकार के सामने तीन मांगे रखी हैं। उनका कहना है कि मांगे पूरी होने तक वे बसें नहीं चलाएंगे। तीन माह से बसें खड़ी रहने से उन्हें नुकसान हुआ है। सरकार की घोषणा के बाद देर शाम छत्तीसगढ यातायात महासंघ की बैठक में निर्णय लिया गया। दोपहर 2 बजे परिवहन मंत्री से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक होगी। 

बस ऑपरेटर बोले 6 माह का टैक्स माफ हो

  • ऑपरेटर्स की मांग है कि बसें साढ़े 3 महीने से खड़ी हैं, ऐसे में उनका टैक्स माफ किया जाए। साथ ही अगले 6 महीने के टैक्स में सरकार रियायत दे।
  • डीजल के दामों की वृद्धि के अनुपात में किराया बढ़ाया जाए। 
  • बसों के नॉन यूज में रखने की छूट दी जाए। फार्म K और फार्म M की अनिवार्यता खत्म हो। 

12 अगस्त तक रेगुलर ट्रेनें नहीं
देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच भारतीय रेलवे ने गुरुवार को बड़ा फैसला लिया। अब 12 अगस्त तक कोई भी रेगुलर ट्रेन नहीं चलाई जाएगी। मतलब 12 अगस्त तक पैसेंजर, एक्सप्रेस ट्रेंनों का संचालन नहीं होगा। जिन लोगों के टिकट 12 अगस्त तक बुक हैं, उन्हें पूरा किराया रेलवे वापस करेगी। गुरुवार को रेलवे बोर्ड ने इसका सर्कुलर जारी कर दिया। इस दौरान स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी।

रायपुर में सर्दी, खांसी, बुखार के ग्राहकों का रिकॉर्ड रखना अनिवार्य
रायपुर में शुक्रवार से मेडिकल स्टोर संचालकों को सर्दी, खांसी और बुखार की दवा खरीदने वाले ग्राहक का ब्योरा रिकार्ड में रखना होगा। इसमें ग्राहक के नाम और पते के साथ मोबाइल नंबर भी रखना अनिवार्य किया गया है। हर दिन इस रिकॉर्ड का एक डाटा बेस तैयार किया जाएगा। इसके आधार पर कोरोना संदिग्धों की जांच की जाएगी। अस्पताल, क्लीनिक व घरों से मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टरों से भी मरीजों का रिकॉर्ड मांगा जाएगा।