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जल भराव रोकने 33 करोड़ मिले, 3 साल में सर्वे तक नहीं कर पाएस्मार्ट सिटी के पास कोई ड्रेनेज प्लान नहीं ,

बिलासपुर को स्मार्ट सिटी बनाने शहर में 3 वर्षों से काम चल रहा है। इन वर्षों में कुछ सड़कों के काम शुरू पर शहर की 40 साल पुरानी जल भराव की समस्या के बारे में कुछ नहीं किया गया। बारिश की हल्की सी बौछार पड़ते ही  पुराने बस स्टैंड, तैयबा चौक, विद्यानगर, विनोबा नगर, तालापारा, जरहाभाठा, सिटी कोतवाली, इमलीपारा, कश्यप कालोनी, दयालबंद, तोरवा की सड़कों पर नाले का पानी बहने लगता है।

सामान्य दिनों में जिन नाले, नालियों से शहरवासियों के निस्तार का पानी बहता है, उसी से बारिश में सड़क, मैदान और घरों की छतों से बड़ी मात्रा में बहकर आने वाले पानी की निकासी हो रही है। असल में मौजूदा नाले, नालियों से बारिश के पानी की निकासी संभव नहीं है, इसलिए सड़कों पर घंटों पानी भरा रहता है। पानी भरने से सड़कें क्षतिग्रस्त होती हैं। नागरिकों को गंदे पानी के बीच से होकर आवागमन करना पड़ता है। पूरी बारिश संक्रमण का खतरा रहता है।

40 पुराने 8 जलभराव हॉट स्पाट, बारिश में सड़क पर निकलना मुश्किल

एमआईसी मेंबर सीताराम जायसवाल के मुताबिक जरहाभाठा तैयबा चौक तालापारा, हंसा विहार, मरीमाई बेचू  कसाई के नाले से डा. सहारे के क्लीनिक तक वार्ड क्रमांक 23,24, 25, 26  एवं 27 के पानी की निकासी कश्यप कालोनी के कच्चे  नाले से होती है। उक्त नाला जहां जहां से गुजरा उसकी  चौड़ाई कम है। बारिश में बहकर आने वाले भारी मात्रा में पानी की निकासी इस छोटे से नाले नहीं हो सकती, इसलिए बस स्टैंड में घंटों पानी भरता है और निकासी में काफी समय लगता है।

बृहस्पति बाजार में हाल की बारिश में पहली बार पानी भरा। स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी राजेश शुक्ला ने बताया कि बृहस्पति बाजार, मिशन अस्पताल और मारिया अस्पताल के पास नाले के बीच से पानी की पाइप लाइन निकली है। बृहस्पति बाजार में 3 पाइप गुजरे हैं। इन पर कचरा फंसने के कारण निकासी ठप हो गई थी। यह शहर का सबसे पुराना नाला है, जो आबादी के विस्तार के मुताबिक अब बारिश के पानी की निकासी के लिए नाकाफी साबित हो रहा है।
सिटी कोतवाली

हैल्थ आफिसर डा.ओंकार शर्मा ने बताया कि कोतवाली के आस पास के पानी की निकासी भक्त कंवरराम मार्केट के गेट के पास आकर ठहर जाती है। कारण यहां नाले की चौड़ाई 6 इंच रह गई है। नाले की चौड़ाई कम होने के कारण कोतवाली के सामने रोड पर पानी भर जाता है।

कपिलनगर

सरकंडा मेन रोड से लेकर बंधवापारा, कपिलनगर में जल भराव आधे अधूरे नाले की वजह से होता है। कोनी, बिरकोना खार की ओर से भारी मात्रा में बारिश का पानी आता है, जो एसईसीएल कालोनी के किनारे सकरे नाले से होकर कपिल नगर होते हुए अरपा में मिलता है। नाले की चौड़ाई बढ़ाए बिना निकासी संभव नहीं है।

कंसल्टेंट को 3 करोड़ का भुगतान

बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड को केंद्रीय अनुदान की प्रतिस्पर्धा में 23 जून 2017 को चुना गया। बिलासपुर को केंद्र और राज्य सरकार से 108 करोड़ रुपए की पहली किस्त मिली। एरिया बेस्ड डेवलपमेंट के अंतर्गत शहर के 22 वार्डों के 1041 एकड़ क्षेत्र के विकास के लिए रोड मैप तैयार किया गया। कंसल्टेंट पीडब्ल्यूसी को 3 करोड़ देकर 3966 करोड़ की योजनाएं बनाई गईं पर इसमें बारिश के पानी की निकासी का प्लान नहीं है।
33 करोड़ का प्रावधान, सर्वे होगा
स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत सीवेज और सेप्टेज मैनेजमेंट में 96 करोड़ का प्रावधान है। अकेले स्टार्म वाटर ड्रेनेज के लिए 33.69 करोड़ रखे गए हैं। बारिश के पानी  की निकासी के लिए राशि पर्याप्त नहीं है। ड्रेनेज प्लान बनाया जाएगा। आवश्यकतानुसार अधिक राशि की मांग की  जाएगी।
पीके पंचायती, प्रबंधक स्मार्ट सिटी लिमिटेड