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मप्र के इस जिले में 2013 से जून 2020 के बीचे 49 बच्चे हो चुके लापता इन मामलों में कई बालक-बालिकाएं ऐसे हैं जिनके 18 वर्ष से कम आयु के होने के कारण जिले के विभिन्न थानों में अपहरण के मामले दर्ज हैं

नाबालिग बालक-बालिकाओं के लापता होने के हर वर्ष कई मामले सामने आते हैं, लेकिन इन मामलों में कई बालक-बालिकाएं ऐसे हैं जिनके 18 वर्ष से कम आयु के होने के कारण जिले के विभिन्न थानों में अपहरण के मामले दर्ज हैं। किन्तु उनका आज तक पता नहीं चला है। ऐसे बच्चों का पता लगाने के लिए जिले में जुलाई माह में विशेष अभियान चलाया जा रहा है। जिले की सभी थानों की पुलिस को निर्देश दिए गए है कि उनके यहां जितने भी बच्चे अब तक लापता हैं उनकी जानकारी जुटाई जाए। 2013 से अब तक 49 बच्चे ऐसे हैं जिनका अता-पता नहीं है।

पुलिस अधीक्षक रघुवंश भदौरिया ने बताया कि जिले के विभिन्न थानों में पिपरई थाने के अंतर्गत 6 मामले, मुंगावली थाने के अंतर्गत 5 मामले, नईसराय थाने के अंतर्गत 3 मामले, देहात थाने के अंतर्गत 5 मामले, शाढ़ौरा थाने के अंतर्गत 2 मामले, ईसागढ़ थाने के अंतर्गत 9 मामले, बहादुरपुर थाने के अंतर्गत 5 मामले, कदवाया के अंतर्गत एक मामला, कोतवाली के अंतर्गत 5 मामले, सेहराई के अंतर्गत एक मामला, कचनार के अंतर्गत 3 मामले, चंदेरी थाने के अंतर्गत 4 मामले शामिल हैं।

इस तरह कुल 49 बालक बालिकाएं हैं जो लापता हैं। 2015 में 35 बालक और 55 बालिकाएं लापता हुई, 2016 में 27 बालक और 77 बालिकाएं लापता हुई। 2017 में 33 बालक और 69 बालिकाएं लापता हुईं। 2018 में 24 बालक और 103 बालिकाएं लापता हुईं। 2019 में 29 बालक और 84 बालिकाएं लापता हुईं और 2020 में अब तक 10 बालक और 49 बालिकाएं लापता हुए।

इन सभी बच्चों की बरामदगी के लिए पहले भी अभियान चलाए गए जिसके बाद अभी भी 49 बच्चों का अता-पता नहीं है। जिनमें 7 बालक और 42 बालिकाएं हैं। इन लापता बच्चों को लेकर पूरे जुलाई के महिने में अभियान चलाया जा रहा है। सभी थानों की पुलिस को निर्देशित किया गया है ताकि इन बच्चों की जानकारी सामने आ सके। जो भी थानों के द्वारा इस दिशा में अच्छा कार्य किया जाएगा उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा।