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(इंदौर) पुलिस जांच रही है पोस्टर लगाने वाले 14 लोगों का आपराधिक रिकॉर्ड

  • 03-Jul-2023

इंदौर,03 जुलाई । गुंडागर्दी और शराबखोरी के कारण मकान बिकाऊ है के पोस्टर लगाने वाली ट्रेजर टाउन कॉलोनी चर्चा में है। वहां अब स्ट्रीट लाइट लग गई, कैमरे निगरानी कर रहे हैं, लेकिन पलायन की कहानी में भी नया मोड़ आ गया है। सोसायटी में पद की राजनीति के कारण पोस्टर लगाने की बात सामने आई है। अब पुलिस उन 14 लोगों के आपराधिक रिकार्ड भी जांचरही है, जिन्होंने मकान बिकाऊ है के पोस्टर लगाए थे। रविवार को ज्यादातर मकानों के बाहर से पोस्टर गायब हो गए। रहवासी खुद दबी जुबान से कॉलोनी के दो गुटों की आपसी खींचतान की बात कह रहे हैं। बता दें कि ट्रेवर टाउन के चार ब्लाकों में 273 ईडब्ल्यूएस फ्लैट हैं, जो दस सालों में चार से पांच लाख रुपए में बेचे गए। कॉलोनी की वेलफेयर सोसायटी के अधीन ही ईडब्ल्यूएस ब्लॉक आते थे, लेकिन पिछले माह ट्रेजर टाउन ईडब्ल्यूएस वेलफेयर सोसायटी के गठन की कवायद शुरु हुई। 26 रहवासियों के नाम मुख्य वेलफेयर सोसायटी को भेजे गए थे। उसमें 11 नाम तय हुए, हालांकि अभी सोसायटी का पंजीयन नहीं हुआ है। 26 नामों की सूची में प्रशांत पांडे व अन्य रहवासी थे, लेकिन सोसायटी के पदों के लिए तय 11 में उनके नाम नहीं आए। इन्हीं में से ज्यादातर लोगों ने घरों के बाहर मकान बिकाऊ है के पोस्टर लगा रखे थे। प्रशांत कहते हैं कि कॉलोनी में ज्यादातर मकान किराए पर लोगों ने दे रखे हैं, वे ही विवाद करते हैं। हमने आवाज उठाई तो पुलिस की गश्त भी शुरु हो गई और सीसीटीवी कैमरे भी लग गए। इसी कॉलोनी के मनीष शिंदे गुट ने पुलिस अफसरों को शिकायत की है कि कुछ रहवासी कॉलोनी की छवि बदनाम कर रहे हैं। यदि कॉलोनी में अपराध होते हैं तो उसके प्रमाण भी पुलिस को सौंपना चाहिए। पुलिस ने कॉलोनी से तीन दिन में एक भी गिरफ्तारी नहीं की। क्षेत्रीय विधायक जीतू पटवारी का कहना है कि ट्रेवर टाउन में रहवासियों के आपसी विवाद का मामला है।