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लद्दाख में 3 बिंदुओं पर बना 4किमी का बफर जोन, चीनी फौज ने झड़प वाले स्थान से लौटना शुरू किया

भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ तनाव वाली जगहों से चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की वापसी की निगरानी के लिए सत्यापन प्रक्रिया शुरू कर दी है।

वहीं, हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा में एक जटिल विघटन (डिसइंग्गेजमैंट) योजना आगे बढ़ गई है। यहां पर दोनों सेनाएं 24 घंटे की समय सीमा के भीतर सैनिकों के बीच 4 किमी बफर जोन बनाने के लिए काम कर रही हैं। इस घटनाक्रम से परिचित चार अधिकारियों ने मंगलवार को इस बात की जानकारी दी। 
एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया, पीएलए पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 (हॉट स्प्रिंग्स) से दो किमी तक पीछे चली गई है और बुधवार शाम तक पेट्रोलिंग प्वाइंट-17 (गोगरा) में भी ऐसा होने की पूरी उम्मीद है। वहीं, भारतीय सेना भी इसी गति से पीछे लौट रही है। पिछले हफ्ते शीर्ष भारतीय और चीनी सैन्य कमांडरों द्वारा लद्दाख में चल रहे सीमा विवाद को लेकर हुई बैठक में इसका निर्णय लिया गया था।

एक अन्य अधिकारी ने कहा, दोनों सेनाओं ने गलवां घाटी में 4 किलोमीटर का बफर जोन बनाया है। यहीं पर दोनों सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। वहीं, चीनी पक्ष के भी 43 जवान हताहत हुए थे। 

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हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, बफर जोन का निर्माण इलाके में दोनों सेनाओं की गश्त गतिविधियों को अस्थायी रूप से प्रतिबंधित करेगा। हालांकि कुछ विशेषज्ञों ने इसे एक आवश्यक कदम के रूप में देखा, वहीं दूसरों ने चेतावनी दी कि पेट्रोलिंग पर लगा अस्थायी प्रतिबंध लंबे वक्त तक जारी नहीं रहना चाहिए, क्योंकि यहां भारतीय सेना का कब्जा रहता है। 

मंगलवार को पीएलए गलवां घाटी, हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा में तनाव वाले इलाके से 1.5 किमी तक पीछे लौट गई और भारतीय सेना भी आनुपातिक रूप से पीछे लौटी। वहीं, पैंगोंग त्सो के पास संवेदनशील फिंगर एरिया में पीएलए के सैनिकों की मामूली संख्या देखी गई। 

उपग्रह से ली गई तस्वीरों से भी यह स्पष्ट हुआ कि चीनी सेना गलवां घाटी से पीछे लौट गई है। लेफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया (रिटायर्ड) ने कहा, इन तस्वीरों से यह साफ हो जाता है कि पीएलए गलवां घाटी से पीछे लौट गई है। लेकिन फिर भी इस पर लगातार निगरानी रखनी होगी और यह बेहद जरूरी है।