बैंक के व्हीकल फाइनेंशिंग शाखा में अनुचित तरीके से लोन देने और हितों के टकराव का आरोप लगा है जिसकी बैंक की ही एक आंतरिक समिति ने जांच की है. इस खबर के आने के बाद सोमवार को एचडीएफसी के शेयर 2.26 फीसदी टूट कर 1080.40 रुपये पर पहुंच गए.
श में मार्केट कैपिटल के लिहाज से निजी क्षेत्र के सबसे बड़े HDFC बैंक में भी अब लोन देने के मामले में गड़बड़ी की बात सामने आई है. बैंक के वाहन लोन देने वाली यूनिट में ‘अनुचित तरीके से’ लोन देने की शिकायत आई है और बैंक की आंतरिक समिति ने जांच की है.
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, बैंक के व्हीकल फाइनेंशिंग शाखा में ‘अनुचित तरीके से लोन देने’ और ‘हितों के टकराव’ का आरोप लगा है जिसकी बैंक की ही एक आंतरिक समिति ने जांच की है..
इस खबर के आने के बाद सोमवार को एचडीएफसी बैंक के शेयर 2.26 फीसदी टूट कर 1080.40 रुपये पर पहुंच गए. शुक्रवार को एचडीएफसी बैंक के शेयर 1105 रुपये पर बंद हुए थे. गौरतलब है कि इसके पहले पीएनबी, येस बैंक जैसे कई बैंकों में लोन के घोटाले सामने आ चुके हैं. इसलिए ऐसी कोई भी खबर निवेशकों, ग्राहकों को काफी सचेत करती है.
इस जांच में क्या प्रगति हुई है, इसके बारे में बैंक ने अभी कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की है. इस यूनिट के करीब 18 साल तक प्रमुख रहे अशोक खन्ना का कार्यकाल नहीं बढ़ाया गया, जबकि पहले ऐसा प्रस्ताव था. इस यूनिट के द्वारा एचडीएफसी के कुल लोन का करीब 10 फीसदी हिस्सा वितरित किया जाता है.
कुल 1.2 लाख करोड़ का ऑटो लोन
ब्लूमबर्ग के मुताबिक एचडीएफसी बैंक की वाहन लोन यूनिट ने 31 मार्च, 2020 तक करीब 1.2 लाख करोड़ रुपये का लोन दे रखा था.
पहले यह प्रस्ताव था कि खन्ना का कार्यकाल अक्टूबर तक कम से कम छह माह के लिए बढ़ाया जाएगा. लेकिन 63 वर्षीय खन्ना कॉन्ट्रेक्ट के मुताबिक मार्च में ही बैंक से रिटायर हो गए. इसके पहले खन्ना 2017 में ही रिटायर होने वाले थे, लेकिन तब उन्हें सेवा विस्तार दे दिया गया था, क्योंकि बैंक के लिए वाहन लोन यूनिट काफी महत्वपूर्ण है. खन्ना ने इस जांच पर कोई टिप्पणी न करते हुए कहा कि वह अपने कॉन्ट्रेक्ट के मुताबिक रिटायर हुए हैं.
एचडीएफसी बैंक के मौजूदा मैनेजिंग डायरेक्टर आदित्य पुरी रिटायर होने वाले हैं और यह जांच शायद इसीलिए की गई है कि उनके रिटायर होने से पहले किसी तरह से बैंक की छवि पर बट्टा न लगे.
एचडीएफसी बैंक के एमडी और सीईओ आदित्य पुरी भारत में सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले बैंकर हैं. वह अक्टूबर में रिटायर हो रहे हैं. पुरी ने ही नब्बे के दशक में भारत में निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक की स्थापना की थी. वे मलेशिया से सिटीबैंक की बढ़िया नौकरी छोड़कर आए थे. करीब दो दशकों में पुरी ने बैंक को काफी आगे बढ़ाया और इसे मुनाफे में रखते हुए सबसे कम एनपीए वाला बैंक बना दिया.
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