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मुख्यमंत्री निवास को गांव की तरह सजाया, सभी मंत्री बैठे झूले पर, हरेली की पूजा के साथ गोधन न्याय योजना की शुरुआत

प्रदेश सरकार की चर्चित गोधन न्याय योजना की शुरूआत हो गई। सोमवार को मुख्यमंत्री निवास में आयोजित खास कार्यक्रम में इसे लॉन्च किया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया और खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने पहले हरेली के त्योहार के मौके पर गाय, कृषि यंत्रों और औजारों की पूजा की। इसके बाद गोधन योजना के तहत एक किसान से गोबर लेकर इस योजना को शुरू कर दिया गया। मुख्यमंत्री बघेल देसी अंदाज में गेड़ी (बांस के डंडे पर चलना) चलाई, लट्‌टू भी घुमाया और मेले में लगने वाले झूले पर सभी मंत्री और परिजन के साथ नजर आए। 

ग्रामीणों की आय बढ़ेगी 

तस्वीर रायपुर की है। मुख्यमंत्री निवास में गौठान का मिनी सेटअप लगाया गया, यहीं से गोबर खरीदी की शुरूआत होग गई। किसानों से गोबर खरीदने वाला, छत्तीसगढ़ पहला राज्य है।

इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि यह पहली सरकार है जिसने प्रदेश में गोधन न्याय योजना की शुरूआत की। इसके तहत हमें गौठान बनाना है। गौठान समिति और स्व सहायता समूह इसकी देखरेख करेंगे। हम दो रुपए प्रति किलो के हिसाब से गोबर खरीदेंगे। गोबर से बननी वाली चीजें तैयार की जाएंगी। खासकर वर्मी खाद तैयार की जाएगी। इसे सरकार 8 रुपए के हिसब से खरीदी करेगी। इन सब से गांव के लोगों की आमदनी बढ़ेगी। हम बरसात की फसलों को सुरक्षित कर पाएंगे, सड़कों पर मवेशियों की वजह से हादसे कम होंगे, प्रदेश की जमीन की उर्रवारा शक्ति बढ़ेगी, अनाज-सब्जी शुद्ध होगी, लोग बीमार कम पड़ेंगे। जिस किसान के पास जमीन नहीं लेकिन चार मवेशी हैं तो वह गोबर बेचकर कर हर महीने 2 हजार रुपए तक कमा सकता है। 

पता नहीं प्रदेश के किसानों की अनदेखी क्यों 

मुख्यमंत्री ने कृषि के औजारों की पूजा की। इनके परिजन भी साथ मौजूद रहे। रायपुर में हुए कार्यक्रम के बाद सीएम आरंग और दुर्ग के लिए रवाना हो गए।

कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि प्रदेश के किसानों की भालाई के लिए लगातार सरकार काम कर रही है। पिछले कुछ सालों में प्रदेश में धान का उत्पादन बढ़ा है। हमने केंद्र सरकार को भी यह बात बताई है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हमने धान से एथेनॉल बनाने की अनुमति मांगी है, लेकिन वो भी नहीं दे रहे। हम ये चाहते हैं कि शेष चावल का सदुपयोग कर पाएं, पता नहीं क्यों प्रधानमंत्री किसानों की उपेक्षा कर रहे हैं, यहां के भाजपा नेता इसके लिए न ट्वीट कर रहे ना पत्र लिख रहे। जबकि इससे किसानों की आमदनी दोगुनी होगी।  

क्या है हरेली का त्योहार 

हरेली के त्योहर के मौके पर गांव में कई तरह के खेलों का आयोजन होता है। इस में गेड़ी चलाना भी शामिल है। बांस के डंडों पर ग्रामीण ऐसे ही बैलेंस करते हैं जैसे मुख्यमंत्री भूपपेश बघेल खुद करते दिख रहे हैं।

यह प्रदेश में एक तरह से नए साल के तौर पर मानाया जाता है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि गांवों में किसान और श्रमिकों के बीच इस त्योहार को धूमधाम से मनाया जाता है। यह छत्तीसगढ़ में नए साल का पहला त्योहार है। इस मौके पर किसान मवेशियों की पूजा करते हैं। कृषि के यंत्राें की पूजा करते हुए चीला (चावल से बना व्यंजल) चढ़ाते हैं। राउत (दूध का व्यवसाय करने वाले) घर-घर जाकर नीम के पत्ते लगाते हैं।

मान्यता है कि नीम की डाली घरों में होने से बुरी बला से बचा जा सकता है। नीम के पत्तों को जलाकर धुआं किया जाता है। इससे किटाणू मर जाते हैं। मवेशियों को जड़ी-बूटी खिलाई जाती है ताकि उन्हें बीमारी न हो। मुख्यमंत्री ने बताया इन पारंपरिक रिवाजों से हम प्रकृति का सम्मान इन त्योहार से करते हैं। 

दुर्ग जिले को 102 करोड़ के कामों की सौगात 
रायपुर के बाद आरंग और फिर दुर्ग में मुख्यमंत्री विकास कार्यों का उद्घाटन कर रहे हैं। यह वह 102 करोड़ रुपए के विकास कार्यों की सौगात देंगे। इनमें लगभग 85 करोड़ रुपए के 435 कार्यों के भूमिपूजन के साथ ही 16 करोड़ रुपए के 178 विकास कार्यों का लोकार्पण शामिल है। इन विकास कार्यों से पाटन ब्लाक के बड़ी जन संख्या को फायदा मिलेगा। इनमें इंडोर स्टेडियम, अत्याधुनिक कम्युनिटी हाल, स्वीमिंग पुल के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं के कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन होगा। ग्राम सिकोला में पथ वृक्षारोपण के काम की शुरुआत हो रही है। 

तस्वीर बिलासपुर के शिवतराई इलाके की है। यहां संसदीय सचिव शकुंतला साहू और विधायक शैलेष पांडे ने गोधन न्याय योजना की शुरूआत की। इस मौके शकुंतला सिर पर गोबर से भरा पात्र लिए हुए दिखीं।

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