मध्य प्रदेश में इंदौर पहला ऐसा शहर है, जहां यह सुविधा शुरू हुई है। ऐसे संस्थान और उद्योग जो पंप पर डीजल लेने नहीं आ सकते, उनके लिए यह सुविधा कारगर साबित होगी। होटल, अस्पताल, दूरसंचार कंपनियां और अन्य उद्योग इसका फायदा ले सकेंगे। अब तक कुछ पेट्रोल पंप संचालक और डीलर चोरी-छिपे जरूरतमंदों को डीजल की डोर स्टेप डिलीवरी किया करते थे, लेकिन पेट्रोलियम मंत्रालय ने इसे अब वैधता का जामा पहनाया है।
दरअसल, पेट्रोलियम मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र की तीनों पेट्रोलियम कंपनियों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे कि वे डीजल की होम डिलीवरी शुरू करें। इसे देखते हुए भारत पेट्रोलियम (बीपीसी) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कंपनी (एचपीसीएल) ने यह सुविधा शुरू की है। इस योजना से उन व्यवसायियों, संस्थानों और उद्योगों को फायदा मिलेगा जिन्हें मशीनों और अन्य उपकरणों के लिए बड़े पैमाने पर डीजल की जरूरत होती है। साथ ही एक जगह स्थायी मशीन होने से पेट्रोल पंप पर डीजल लेने नहीं आ सकते। दौर से पहले यह सुविधा पुणे, नागपुर, वड़ोदरा, बेंगलुरु आदि जगह शुरू हो चुकी है। एचपीसीएल के उप महाप्रबंधक अनिल अकेन ने बताया कि व्यावसायिक और औद्योगिक उपयोग के लिए जो उपभोक्ता ड्रम में डीजल ले जाया करते थे, उनके लिए यह सुविधा बहुत सुरक्षित और भरोसेमंद होगी। इस सुविधा के लिए कंपनियों ने पंप संचालकों को प्रस्ताव दिया है कि वे 6 हजार लीटर क्षमता के बाउजर (टैंकर) बनवाएं। इसके जरिए वे डीजल की डोर स्टेप डिलीवरी कर सकते हैं।
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