Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

छत्तीसगढ़ में मिट्टी के बैलों से सजे बाजार पोला पर्व आज

खेत-खलिहान में खास भूमिका निभाने वाले बैलों की जोड़ी को सम्मान देने के लिए भाद्रपद अमावस्या, मंगलवार को पोला पर्व उत्साह से मनाया जाएगा। हालांकि इस साल कोरोना महामारी को देखते हुए किसी भी तरह का सार्वजनिक आयोजन नहीं किया जा रहा है और किसान महज अपने घर पर ही बैलों की पूजा-अर्चना करके व्यंजनों का भोग लगाएंगे। गांवों में हर साल होने वाली बैल दौड़ प्रतियोगिताएं इस बार रद कर दी गई हैं। छोटे बच्चे अपने मनोरंजन के लिए मिट्टी के बैल दौड़ाने की परंपरा सादगी से निभाएंगे। पर्व के एक दिन पहले सुबह से दोपहर तक रिमझिम बारिश होने से मिट्टी के बैल बेचने वाले निराश थे, लेकिन शाम को बारिश थमने के बाद बाजार में रौनक छाई रही। कुछ ही घंटों में कुम्हार परिवारों ने सैकड़ों जोड़ी बैल बेचकर हजारों रुपये की आमदनी की। इस बार ऑनलाइन बैल सजाओ प्रतियोगिता में श्री कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव एवं विकास समिति के तत्वावधान में इस बार ऑनलाइन बैल सजाओ प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार 3000 रुपये, द्वितीय 2000 और तृतीय 1000 हजार रुपये प्रदान किया जाएगा। संयोजक माधवलाल यादव एवं जय सोनकर ने बताया कि प्रतियोगिता में भाग लेने बैल मालिकों को 18 अगस्त शाम तक दो फोटो भेजनी होगी। एक सजे हुए बैल की फोटो और दूसरी फोटो ऐसी हो जिसमें बैल के साथ मालिक भी दिखाई दे