इस बार शनिवार से शुरू हो रहे गणेश उत्सव पर न तो सड़कों पर रंगीन लाइट नजर आएगी और न किसी तरह का कोई सार्वजनिक आयोजन ही दिखेगा। राजधानी भोपाल में गणेश प्रतिमा की ऊंचाई भी 4 फीट से ज्यादा नहीं हो सकती है। इतना ही नहीं एक जगह पर 5 से ज्यादा लोग भी जमा नहीं हो सकते हैं। घरों में ही प्रतिमाओं का विसर्जन भी करना होगा। भोपाल में कलेक्टर अविनाश लवानिया के निर्देश के बाद अब अगस्त के साथ ही सितंबर भी कोई सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं हो पाएंगे। सार्वजनिक स्थानों पर किसी प्रकार की मूर्ति, झांकी एवं ताजिए आदि स्थापित नहीं किए जाएंगे। लवानिया ने कहा कि लोग अपने घरों में पूजा, उपासना करें। कोविड 19 की रोकथाम और बचाव के लिए यह आवश्यक है। इसमें कहा गया है कि 22 अगस्त को गणेश उत्सव, 1 सितंबर तक पयूर्षण पर्व , 29 अगस्त को डोल ग्यारस एवं कत्ल की रात, 30 अगस्त मोहर्रम, 1 सितंबर से 20 दिन चतुर्दशी, श्राद्ध पक्ष और 17 सितंबर को पितृ मोक्ष अमावस्या के त्यौहार हैं। कोरोना की वजह से बड़ी प्रतिमाएं बनाने पर रोक लगाई गई है। कुछ मूर्तिकार 4 से लेकर 8 फीट तक की मूर्तियां बना रहे थे। जानकारी मिलने पर हबीबगंज क्षेत्र में मूर्तियां बनाने वालों के यहां निरीक्षण किया गया। इसके बाद तीन मूर्तिकारों के यहां 200 से ज्यादा बड़ी मूर्तियां बनना पाया गया। जिस स्थान पर मूर्तियां बन रही थीं उसे सील कर दिया गया है। यहां 33 प्रतिमाएं तो 8 फीट तक मिलीं।
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