प्रदेश में वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रत्येक विकासखंड में कम से कम दो कृषि उत्पादक समूह बनाए जाएंगे। किसानों को उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए प्रसंस्करण को बढ़ावा दिया जाएगा। एक जिला, एक पहचान के तहत सब्जियों और फलों के उत्पादन को देखते हुए प्रसंस्करण की इकाई स्थापित होगी। इसके लिए निजी क्षेत्र को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
यह भरोसा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा कृषि अधोसंरचना कोष के क्रियान्वयन को लेकर आयोजित बैठक में हिस्सा लेते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने बताया कि कृषि अधोसंरचना कोष कृषि क्षेत्र में अभूतपूर्व परिवर्तन लाने में सहायक होगा। किसानों की आय दोगुनी करने में इससे मदद मिलेगी। मध्यप्रदेश ने कृषि, सहकारिता और उद्यानिकी विभाग की गतिविधियां भी इसको लेकर शुरू कर दी हैं। कृषि विभाग ने राज्य व जिला स्तरीय निगरानी समितियों के गठन, कृषक उत्पादक समूह को विस्तार देने का लक्ष्य रखा है। हर विकासखंड में कम से कम दो समूह गठित करने की तैयारी है। उन्न्त बीज के श्रेणीकरण की इकाई, वेयरहाउस और कोल्ड स्टोरेज की श्रृंखला विकसित होगी। हर जिले में प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित होंगी। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के तहत भी किसानों की आय बढ़ाने की कार्ययोजना बनाई जा रही है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस मत का समर्थन किया कि सिर्फ सब्सिडी देने से किसान कल्याण संभव नहीं है। इसके लिए कार्ययोजना बनाकर किसानों को बिचौलियों के चंगुल से मुक्त कराने की दिशा में पहल करने होगी। स्टार्टअप को भी प्रोत्साहित करना होगा।
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