अमेरिकी मौसम विभाग का कहना है कि प्रशांत महासागर में सितंबर-अक्टूबर 2020 से ला-नीना असर दिखा सकता है। इसके प्रभाव से इस साल भारत में मानसून देर से लौट सकता है और बारिश भी सितंबर में ज्यादा हो सकती है। इसकी वजह से ठंड का असर दक्षिण के राज्यों में भी देखा जा सकेगा।
एल-नीनो व ला-नीना ये दोनों ही स्थितियां हवा के विषम बर्ताव के चलते सतह के तापमान बदलने से पैदा होती हैं। एल-नीनो में हवा कमजोर पड़ जाती हैं और गर्माहट पैदा करती हैं। जबकि ला-नीना में हवाएं बहुत मजबूत होती हैं और ठंडक पैदा करती हैं।
दोनों ही स्थितियां हमारे मौसम को प्रभावित करती हैं। एल-नीनो के दौरान मध्य व भूमध्यीय प्रशांत सागर गर्म हो जाता है, जिससे पूरे भूमंडल की हवा का पैटर्न बदल जाता है। इसके चलते अफ्रीका से लेकर भारत और अमेरिका तक जलवायु प्रभावित होती है। एल-नीनो की स्थिति में भारत में मानसून अनियमित हो जाता है और सूखा पड़ता है।
More Stories
इलाहाबाद HC आज गाज़ीपुर से SP उम्मीदवार अफ़ज़ाल अंसारी के राजनीतिक भाग्य पर फैसला करेगा |
दिल्ली-एनसीआर में बम की धमकी: कई स्कूलों को ईमेल पर मिली विस्फोटक धमकी; खोज जारी है
‘खुद का विरोधाभास’: गिरफ्तारी के खिलाफ अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी |