छत्तीसगढ़ में लोकसेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाले पीएससी परीक्षा पिछले 13 सालों से विवादों में घिरी हुई है। वर्ष 2003 से लेकर 2019 तक विवादों के घेरे में रही है। इस दौरान आठ परीक्षाएं हुईं। सभी परीक्षा के मामले विवाद के कारण हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं। सर्वाधिक विवाद वर्ष 2003 में हुई परीक्षा को लेकर है। इसके अलावा चाय पर चर्चा के जरिए अब सरकार मरवाही विधानसभा सीट उपचुनाव में मतदाताओं तक पहुंचने का कार्य कर रही है। छत्तीसगढ़ की दिनभर की अन्य ताजा अपडेट जानकारी इस प्रकार है राज्य लोकसेवा आयोग (पीएससी) की ओर से आयोजित परीक्षा वर्ष 2003 से लेकर 2019 तक विवादों के घेरे में रही है। इस दौरान आठ परीक्षाएं हुईं। सभी परीक्षा के मामले विवाद के कारण हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं। सर्वाधिक विवाद वर्ष 2003 में हुई परीक्षा को लेकर है। इसमें हाई कोर्ट ने चयन सूची को रद कर नए सिरे से मेरिट सूची बनाने और पदस्थापना का आदेश जारी किया था। इस पर अमल होने की स्थिति में आधा दर्जन डिप्टी कलेक्टर निचले संवर्ग में चले जाते, लेकिन मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया। वर्ष 2005 और 2008 में सिविल जज की भर्ती परीक्षा भी विवादों में है। दोनों ही मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है। वर्ष 2019 की परीक्षा में मॉडल आंसर को लेकर विवाद है।
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