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नरेंद्र मोदी ने मोर पर हुवे विवाद पर अंगुलियां उठी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस ट्‌वीट के बाद से पूरे देश में यह चर्चा आम है कि क्या सबके लिए एक जैसा कानून नहीं होना चाहिए? सोशल मीडिया पर भी इस वीडियो और फोटो को शेयर करके लोग यह मांग कर रहे हैं कि देश में सबके लिए एक जैसा कानून क्यों नहीं होना चाहिए? दरअसल यह सवाल इसलिए उठा है क्योंकि वर्ष 2017 में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के आवास पर दो मोर पाले गये थे और उस वक्त उनपर वन्य प्राणि अधिनियम के उल्लंघन का मामला बन गया था. अब जबकि पीएम मोदी अपने आवास में मोर के साथ दिखे हैं, तो लोग यह सवाल कर रहे हैं कि क्या पीएम मोदी पर वन प्राणी अधिनियम का मामला नहीं बनना चाहिए? सवाल लाजिमी है? ऐसे में हम पाठकों को यह बताना चाहते हैं कि वन्य प्राणि अधिनियम का मामला पीएम पर बनता है या नहीं? और लालू यादव के साथ तीन साल पहले क्या हुआ था. तीन साल पहले लालू यादव के आवास पर दो मोर पाले गये थे. उस वक्त लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव बिहार के वन एवं पर्यावरण मंत्री थी. उनके आदेश पर पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान से दो मोर लालू यादव के आवास पर लाये गये थे. जानकारों का कहना है कि ऐसा इसलिए किया गया था, क्योंकि लालू यादव की सेहत बहुत खराब थी और उनपर कई मुकदमे भी थे. किसी ज्योतिष ने उन्हें मोर के सान्निध्य में रहने के लिए कहा था. लेकिन जैसे ही यह खबर फैली उनपर वन प्राणी अधिनियम के उल्लंघन का मामला बन गया था. हालांकि मोर उनके घर से बरामद नहीं हुए थे, बताया गया था कि विवाद के कारण उन्हें पहले ही उड़ा दिया गया था.