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राज्य सरकार ने बस ऑपरेटर की दो प्रमुख मांगों पर सहमति जता दी है।

बस मालिकों को अगले 2 महीने यानी सितंबर और अक्टूबर का टैक्स नहीं देना पड़ेगा। यही नहीं किराया वृद्धि की मांग पर भी शासन ने आंशिक सहमति जता दी है। लिहाजा जल्दी अब बस ऑपरेटर राज्य में बस सेवा शुरू कर सकते हैं। सोमवार को बस ऑपरेटरों की परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर के साथ बैठक हुई। बैठक में यातायात महासंघ तथा बस ऑपरेटर एसोसिएशन के पदाधिकारी ने टैक्स माफ, किराया में वृद्धि, लोन के ब्याज में माफी सहित बीमा राशि में कमी इत्यादि की प्रमुख मांगे परिवहन मंत्री के सामने रखी। इनमें टैक्स माफी और किराया वृद्धि से संबंधित मांग राज्य शासन से संबंधित है। वहीं, मंगलवार को होेने वाली बैठक में यह तय किया जाएगा कि किन-किन रूट में बसें चलाई जाएगी। परिवहन मंत्री ने बस ऑपरेटरों को 2 महीने का टैक्स माफ करने की राज्य सरकार के निर्णय की जानकारी दी। साथ ही किराया में भी वृद्धि करने का आश्वासन दिया। बस ऑपरेटर एसोसिएशन के संरक्षक प्रमोद दुबे ने कहा कि टैक्स माफ करने के बाद बस ऑपरेटरों के लिए बस सेवा शुरू करना संभव हो जाएगा। साथ ही राज्य शासन के किराए में वृद्धि के आश्वासन के बाद बस संचालकों की बड़ी मांग और दिक्कत भी दूर हो जाएगी।

परिवहन मंत्री ने आइ फॉर्म का शुल्क भी वर्तमान में प्रचलित 1000 प्रति 2 माह के लिए जा रहे शुल्क को भी मध्यप्रदेश शासन में लागू शुल्क के अनुरूप कम करने का आश्वासन दिया। प्रमोद दुबे ने कहा कि परिवहन मंत्री को यह जानकारी दी गई है कि संघ की ओर से केंद्र सरकार को पूर्व में चिट्ठी लिखी गई है, जिसमें थर्ड पार्टी इंश्योरेंस का प्रीमियम कम करने तथा बैंक लोन के ब्याज में माफी की मांग की गई है। बैठक में अनवर अली, भावेश दुबे सहित बस आपरेटर मौजूद थे।

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