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बजट की पड़तालः 'कथनी-करनी' में अंतर से दांव पर केजरीवाल सरकार की साख

ई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली सरकार ने अगले वित्त वर्ष के लिए ढांचागत विकास की कई योजनाएं शामिल की हैं, इनमें से एक भी योजना पर अगले वित्तीय वर्ष में काम शुरू होता नजर नहीं आ रहा है। कई योजनाएं तो तकनीकी अड़चनों में ही उलझी हुई हैं। हालांकि, सरकार ने इस बार के बजट में सड़क, सार्वजनिक परिवहन एवं अन्य आधारभूत ढांचे के लिए 5,145 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इसमें से 2,568 करोड़ रुपये परिवहन क्षेत्र की योजनाओं, कार्यक्रमों व परियोजनाओं के क्रियान्वयन पर खर्च किए जाएंगे।
घोषणा : सरकार ने बजट में कहा है कि मयूर विहार फेज एक से सराय काले खां तक बारापुला फेज एक में जोड़ने के लिए बनाया जा रहा बारापुला फेज तीन एलिवेटेड कॉरिडोर दिसंबर 2018 तक पूरा होगा।
वास्तविक स्थिति : इस योजना के मुख्य भाग के लिए जमीन उपलब्ध होने का मामला अभी विवादों में उलझा है। जमीन मिलने में ही कई माह लगने की संभावना है। योजना पर अब तक 50 फीसद ही हो सका है काम। ऐसे में इस साल योजना किसी भी सूरत में पूरी नहीं हो सकती।
वास्तविक स्थिति : इस योजना को उत्तर प्रदेश की जमीन से गुजरना है। 2006 से योजना अधर में है। इसके लिए केंद्र सरकार की पहल पर दिल्ली सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर उनकी जमीन पर काम करने की अनुमति मागी है। इसके अलावा भी इस योजना को लेकर तमाम अड़चने हैं। हालांकि, यह एक बेहतरीन योजना है, लेकिन इस साल काम शुरू होने की उम्मीद नहीं है।