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राजधानी को बांटा जायेगा सात जोन में, बनेगा इनर रिंग रोड

राजधानी में एक बार फिर से ‘इनर सर्कुलर रिंग रोड’ बनाने की योजना पर काम शुरू किया गया है. वर्ष 2037 की आबादी को ध्यान में रख कर तैयार किये गये रांची के मास्टर प्लान के आधार पर ‘जोनल डेवलपमेंट प्लान’ का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है. ड्राफ्ट में रांची को सात जोन में बांट कर शहर के विकास के लिए जमीन का उपयोग सुनिश्चित किया जायेगा और इसके लिए जमीन चिह्नित की जायेगी.

रांची नगर निगम ने ड्राफ्ट जारी करते हुए आम लोगों से 31 दिसंबर तक सुझाव व आपत्तियां देने को कहा है. जोनल डेवलपमेंट प्लान के ड्राफ्ट में एक बार फिर से शहर में इनर रिंग रोड बनाने की बात कही गयी है. इसके लिए जगह चिह्नित की गयी है. जोनल डेवलपमेंट प्लान में ए, बी, सी, डी, इ, एफ और जी कैटेगरी में बांट कर शहर के विकास के लिए भूमि का इस्तेमाल तय किया गया है. आबादी व ट्रैफिक लोड को कारण बताते हुए रिंग रोड के अंदर इनर सर्कुलर रिंग रोड की जरूरत बतायी गयी है.

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2009 से ही शहर में इनर सर्कुलर रिंग रोड बनाने की योजना कागज पर चल रही है. इनर सर्कुलर रिंग रोड की योजना को रांची क्षेत्रीय विकास प्राधिकार अमलीजामा नहीं पहना पाया था. बाद में तैयार किये गये मास्टर प्लान में भी इनर सर्कुलर रिंग रोड बनाने का प्रस्ताव था. हालांकि, जमीन उपलब्ध नहीं होने की वजह से इस पर काम शुरू नहीं किया जा सका. अब एक बार फिर से जोनल प्लान में फिर इनर सर्कुलर रिंग रोड बनाने की बात कही गयी है.

शहर के मास्टर प्लान 2037 के आधार पर तैयार किये गये जोनल डेवलपमेंट प्लान का ड्राफ्ट रांची नगर निगम की वेबसाइट पर उपलब्ध है. ड्राफ्ट पर आपत्ति या सुझाव 31 दिसंबर तक दिया जा सकता है. ड्राफ्ट में किसी व्यक्ति को जमीन के निर्धारित इस्तेमाल पर आपत्ति होने की स्थिति में वह मौजा, थाना नंबर, खाता नंबर, प्लॉट नंबर के साथ नगर आयुक्त के बाद आवेदन दे सकता है.

नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने कहा है कि निर्धारित तिथि के बाद किसी तरह की आपत्ति और सुझाव स्वीकार नहीं किया जायेगा. आपत्ति व सुझाव मिलने के बाद नगर निगम स्टेक होल्डर्स की बैठक कर उनको दूर करेगा. उसके बाद ही जोनल प्लान को अंतिम स्वीकृति प्रदान की जायेगी.

रांची नगर निगम के पार्षदों ने अंग्रेजी में जोनल डेवलपमेंट प्लान का ड्राफ्ट जारी करने का विरोध किया है. पार्षदों ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि अंग्रेजी में ड्राफ्ट जारी करने से लोगों को आपत्तियां दर्ज कराने और सुझाव देने में काफी परेशानी होगी. निगम को हिंदी में ड्राफ्ट जारी करना चाहिए.

वर्ष 2037 तक रांची की अनुमानित आबादी को आधार मान कर जमीन का इस्तेमाल निर्धारित किया गया है. जोनल डेवलपमेंट प्लान में संभावित आबादी को मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कितने रोजगार, ट्रैफिक, शिक्षण संस्थान, स्वास्थ्य समेत अन्य सभी तरह की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए विकास योजना बनायी गयी है. आवासीय, व्यावसायिक, औद्याेगिक समेत अन्य गतिविधियों के लिए जमीन चिह्नित की गयी है.