सरना धर्म कोड पर चर्चा के लिए राज्य सरकार ने 11 नवंबर को विशेष सत्र बुलाया है. संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम की मंजूरी के बाद विशेष सत्र बुलाने का प्रस्ताव राज्यपाल के पास भेज दिया गया है. राज्यपाल की स्वीकृति के बाद अधिसूचना जारी कर दी जायेगी.
आदिवासियों के लिए सरना धर्म कोड का प्रस्ताव पारित करने को लेकर 20 वर्षों में पहली बार विधानसभा का विशेष सत्र होगा. सत्र के दौरान पक्ष-विपक्ष की सहमति मिलने के बाद राज्य सरकार जनसंख्या के कॉलम में सरना धर्म कोड को शामिल करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजेगी.
पिछले दिनों मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घोषणा की थी कि विशेष सत्र जल्द बुलाया जायेगा. उपचुनाव का परिणाम 10 नवंबर को आना है. आदर्श आचार संहिता के मद्देनजर विशेष सत्र एक दिन बाद बुलाया गया है.
आदिवासियों के लिए अलग धर्म कोड की मांग पुरानी है. इसको लेकर समय-समय पर राजनीतिक व सामाजिक संगठनों ने अपनी आवाज उठायी है. आदिवासी संगठन इस मांग को लेकर संघर्षरत हैं.
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