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बिरसानगर पहुंची कुंजल लकड़ा की मूर्ति, कल होगा अनावरण, जानिए कौन थे ‘कुंजल लकड़ा’

जमशेदपुर में 86 बस्ती को मालिकाना हक दिलाने के लिए सबसे पहले आवाज बुलंद करने वाले बिरसानगर के कुंजल लकड़ा की प्रथम पुण्यतिथि 20 नवंबर यानि शुक्रवार को है। इस मौके पर उनकी आदमकद मूर्ति का अनावरण किया जाएगा। इसके लिए गुरुवार की सुबह उनकी मूर्ति बिरसानगर पहुंच गई है, जिसे बिरसा सेवा दल पंचायत समिति के सदस्य स्थापित करने में जुट गए हैं। मूर्ति संडे मार्केट के उसी परिसर में लगाई जा रही है, जहां भगवान बिरसा मुंडा की मूर्ति है। मूर्ति का अनावरण दोपहर तीन बजे जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय करेंगे।

 बिरसा सेवा दल पंचायत समिति के अध्यक्ष व बिरसानगर वेलफेयर सोसाइटी के सचिव रहे कुंजल लकड़ा टाटा मोटर्स के कर्मचारी थे। वे 1965 से 2002 तक टेल्को वर्कर्स यूनियन के सदस्य भी रहे। इनकी ख्याति तब चर्चा में आई, जब छह जून 1966 को बिरसानगर में बसे लोगों को उजाड़ने के लिए आए गुंडों को हमला करके खदेड़ दिया था। बिरसा सेवा दल के साथ गुंडा पार्टी की भिड़ंत में दोनों ओर से दर्जनों लोग मारे गए थे।

कुंजल लकड़ा ने अपने साथियों के साथ 1970 में बिरसानगर में झोपड़ी बनाकर रहने लगे। इसके बाद उन्होंने 1971 में धरती आबा बिरसा मुंडा के नाम पर बस्ती का नामकरण बिरसानगर किया। उस वक्त यहां का अधिकतर इलाका जंगल था। शुरुआत में यहां तीन ही घर थे।

कुंजल लकड़ा का पैतृक आवास रांची के अनगड़ा थाना क्षेत्र के डिलुवाकोटा गांव में है। उनकी प्रारंभिक शिक्षा भी टाटासिलवे स्कूल में हई थी। संत लुईस स्कूल से मैट्रिक और रांची कालेज से प्री-यूनिवर्सिटी की डिग्री हासिल की थी।