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प्रतिबंध के बावजूद झारखंड में गुटखा और पान-मसाला की खुलेआम बिक्री पर नाराज हाइकोर्ट ने की ये टिप्पणी

प्रतिबंध के बावजूद राज्य में गुटखा और पान-मसाला की खुलेआम बिक्री पर झारखंड हाइकोर्ट ने फिर नाराजगी जतायी है. अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार ने गुटखा और पान-मसाला पर प्रतिबंध लगा कर लोगों के स्वास्थ्य को लेकर अच्छी नीति बनायी, लेकिन अधिकारियों में इच्छाशक्ति की कमी के कारण यह नीति फेल हो गयी. शुक्रवार को चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में इस मामले की सुनवाई हुई.

अदालत ने कहा कि प्रतिबंध के बावजूद गुटखा राज्य में कैसे प्रवेश कर रहा है. गुटखा के इंट्री प्वाइंट पर ही बैन लगना चाहिए. इंट्री प्वाइंट से प्रवेश करने पर दोषी लोगों पर कार्रवाई की जानी चाहिए. प्रतिबंधित पान-मसाला व गुटखा की बिक्री रोकने के लिए हाइकोर्ट किसी भी हद तक जायेगा, क्योंकि यह लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ा है. कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार और फूड स्टैंडर्ड सेफ्टी ऑफ इंडिया को प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया.

अदालत ने मामले की सुनवाई 15 जनवरी को निर्धारित करते हुए सरकार को प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. स्वास्थ्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट को बताया कि राज्य में प्रतिबंध के बावजूद इसकी बिक्री करनेवालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. अदालत ने कहा कि इसे पर्याप्त नहीं माना जा सकता.