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’अंधेरे से उजाले की ओर, दिख रहीं विकास की नई भोर’

10 दिसम्बर 2020 ,समय का पहिया अब बहुत आगे बढ़ गया है। शहर अब सिर्फ शहर ही नहीं रहा, स्मार्ट शहर की राह में अपना कदम बढ़ा चुका हैं। चूंकि हमारा छत्तीसगढ़ राज्य किसानों का राज्य है। धान का कटोरा के रूप इस प्रदेश की पहचान पहले से हैं। स्वाभिमानी और परिश्रमी के प्रतीक किसानों की समृद्धि के साथ गांव का स्वरुप भी तेजी से बदल रहा है। छोटे शहर विस्तृत होकर आकार में फैल रहे हैं और आसपास के गांवों को कालोनियों में तब्दील कर रहे हैं। स्वाभाविक है कि नई कालोनियां छोटे-छोटे शहरों की अपेक्षा वर्तमान और भविष्य की जरूरतों के मुताबिक अनेक सुविधाओं का स्वप्न लेकर बस रहीं है। इन कालोनियों में नई पीढ़ी है। नई सोच है और नई जरूरतें हैं। नई पीढ़ी की नई सोच और नई जरूरतों को पूरा करने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ शिवकुमार डहरिया द्वारा नगरीय क्षेत्रों को बेहतर बनाने की समग्र कोशिश की जा रही है।

स्थानीय छत्तीसगढ़ी संस्कृति एवं विलुप्त होती हुई स्थानीय परंपरा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से समस्त 166 नगरीय निकायों में पौनी-पसारी योजना प्रारंभ की गई है। पौनी पसारी योजना में प्रति इकाई 30 लाख की लागत से, कुल 255 पौनी-पसारी बाजारों का विकास किया जाएगा जिससे इस परंपरा से संबंधित 12240 परिवारों के लिए रोजगार के नवीन अवसरों का सृजन होगा। इस योजना में विकसित बाजारों में चबूतरा प्रति दिवस मात्र 10 रुपए के मान से व्यवसाय हेतु उपलब्ध कराया जाएगा। चलित ठेले व्यावसायिओं को वार्डों के प्रमुख स्थान पर वेंडिंग जोन चिन्हांकित कर व्यवसाय हेतु उचित स्थान दिया जाएगा।

        छत्तीसगढ़ में लागू मिशन क्लीन सिटी योजना का पृथकीकरण आधारित सॉलिड वेस्ड मैनेजमेंट मॉडल को ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा बेस्ट प्रैक्टिस निरूपित करते हुए अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय बताया है। इस योजना से प्रदेश में स्व-सहायता समूहों की 9 हजार से अधिक महिला सदस्यों को रोजगार का अवसर मिला वहीं इनकी कड़ी मेहनत का नतीजा है कि शहरी छत्तीसगढ़ ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 एवम स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में  स्वच्छतम राज्य होने का दर्जा प्राप्त किया है। कोविड 19 के दौरान देशव्यापी लॉकडाउन के समय में भी इन महिलाओं ने बखूबी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर एक मिसाल कायम किया है। इन महिलाओं को अब गोधन न्याय योजना अंतर्गत खाद निर्माण की भी जिम्मेदारी दी गई है। इससे महिलाओं के आय में वृद्धि होगी। इस योजना के तहत एसएलआरएम सेंटर का उन्नयन करते हुए 377 गोधन न्याय सह गोबर खरीदी केंद्र का विकास नगरीय निकायों में किया जा रहा है। साथ ही इन केंद्रों के निकट ही नवीन गौठान बनाए जा रहे हैं । शहरी क्षेत्रों में गोबर विक्रेता के रूप में हितग्राहियों का पंजीयन किया गया है तथा हर 15 दिवस में इनके भुगतान की व्यवस्था की गई है।

नगरीय प्रशासन विभाग शहर के विकास के साथ नागरिकों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य कर रही है। इंदिरा गाँधी हरित अभियान के अंतर्गत शहरी क्षेत्रों में वृक्षारोपण, शहरी बाड़़ी एवं आक्सीजोन के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। जवाहर जिम योजना के माध्यम से सर्वसुविधायुक्त जिम की स्थापना की पहल की जा रही है। प्रत्येक निकाय के चिन्हित वार्डों में राजीव गाँधी ज्ञानोदय केंद्र स्थापित कर ऑनलाइन रीडिंग जोन तथा पठन पाठन हेतु वाचनालय की सुविधा देने तैयारी की जा रही है। शहर स्तर पर स्थानीय प्रतिभाओं एवं विभूतियों को सम्मान देने हेतु महात्मा गांधी शहरी सम्मान पुरस्कार जिसमे नगर भूषण अवार्ड, नगर शिक्षक अवार्ड, नगर हितैषी अवार्ड, नगर खिलाड़ी अवार्ड आदि प्रदान किए जाएंगे। शहर के प्रमुख तालाबों में धार्मिक कार्यक्रमों के लिए विसर्जन कुंड का निर्माण तथा घाटों में महिलाओं के लिए चेंजिंग रुम बनाए जाएंगे। नगरीय निकायों को शासन की ओर से प्रदान की जाने वाली चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि में वृद्धि की जाएगीं राजधानी में आधुनिक स्तर की सुविधाओं में वृद्धि की जा रही है। जवाहर बाजार का उन्नयन किया गया है। ऐतिहासिक बूढ़ा तालाब की गंदगी को साफ कर सौंदर्यीकरण कर नया स्वरूप प्रदान किया गया है। मल्टी स्टोरी पार्किंग बनाई जा रही है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग वर्तमान और भविष्य में नागरिकों की आवश्यकताओं को ध्यान रखकर योजना तैयार करने के साथ छत्तीसगढ़ के विकास में कदम बढ़ा रही है।