झारखंड सरकार के निर्देश पर सभी विभाग अगले वित्तीय वर्ष (2021-22) के बजट तैयार करने में जुट गए हैं। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग में इसे लेकर सभी निदेशकों एवं अन्य पदाधिकारियों के साथ लगातार बैठकें हो रही हैं। अन्य विभागों में भी इसे लेकर तैयारी चल रही है। योजना सह वित्त विभाग ने इस बार कोरोना से उत्पन्न विषम परिस्थितियों में राज्य के संसाधनों की कमी का हवाला देते हुए संतुलित एवं समावेशी विकास के लिए बजट तैयार करने पर जोर दिया है।
कहा गया है कि बजट प्रस्ताव के गठन में राज्य सरकार की प्राथमिकताओं तथा कोरोना से उत्पन्न चुनौतियों को ध्यान में रखकर योजना प्रस्ताव तैयार करें। इस पर भी ध्यान रखने को कहा गया है कि जिन योजनाओं ने अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर लिया है, उनके स्थान पर वर्तमान समय में प्रासंगिक वैसी योजनाएं प्रस्तावित की जाएं, जिनसे अधिकतम जनकल्याण का लक्ष्य प्राप्त हो।
सभी विभागों को कहा है कि केंद्र प्रायोजित वैसी योजनाएं जिनमें फंडिंग पैटर्न में बदलाव किया गया है, उनमें उसी के अनुरूप राज्यांश की राशि तय की जाए। राज्य योजनाओं में कहा गया है कि सर्वप्रथम विगत वर्षों की वैसी योजनाओं के लिए राशि की मांग की जाए जो योजनाएं पहले से चल रही हैं तथा जो राज्य सरकार की घोषणाओं में शामिल हैं। उक्त राशि का प्रावधान किए जाने के बाद ही नई योजनाओं के लिए प्रस्ताव तैयार किया जाए।
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