राज्य में दो वर्ष बाद फिर से निरक्षर लोगों को साक्षर बनाने का अभियान शुरू होगा. इस पढ़ना-लिखना अभियान के तहत 15 वर्ष से अधिक उम्र के निरक्षर लोगों को साक्षर बनाया जायेगा. झारखंड के लगभग 40 लाख निरक्षर लोगों को साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए 60 फीसदी राशि भारत सरकार और 40 फीसदी राशि राज्य सरकार देगी. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने इस अभियान का प्रस्ताव तैयार कर लिया है.
इसे स्वीकृति के लिए कैबिनेट भेजा जायेगा. इसका संचालन केंद्र व राज्य के संयुक्त तत्वावधान में वर्ष 2025 तक होगा. इससे पहले विभाग ने जिलों से 15 से 35 आयु वर्ग और 36 से 50 व 51 से अधिक आयु वर्ग के निरक्षर लोगों की अलग-अलग संख्या देने को कहा था. जिलों से यह संख्या विभाग को उपलब्ध करा दी गयी है. इस अभियान के लिए राज्य अपने स्तर से जिलों का चयन कर सकता है
इसके तहत वैसे जिलों को प्राथमिकता देने को कहा गया है, जहां महिला साक्षरता कम है. हालांकि स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने राज्य के सभी जिलों में अभियान चलाने का प्रस्ताव तैयार किया है. वर्ष 2020-21 में दो लाख लोगों को साक्षर बनाने का लक्ष्य : वित्तीय वर्ष 2020-21 में झारखंड में दो लाख लोगों को साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा गया है. इस वित्तीय वर्ष के लिए 4.84 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
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