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रामनवमी 2018 पर विशेष, सबको दे विश्राम वह राम

हमारी गुणातीत श्रद्धा में प्रत्येक युग में देशकाल के अनुरूप परम तत्व अवतार धारण करता है। इसी पावनी परंपरा में प्रत्येक कल्प में, त्रेता युग में राम भगवान का अवतरण होता है, जो हम चैत्र शुक्ल नवमी को मनाते हैं, राम नवमी के रूप में। हमारे भारतीय संवत्सर के अनुसार, नया साल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से शुरू होता है। नवमी को पहली नवरात्रि होती है। दुर्गा पूजा के, शक्ति पूजा के ये दिन होते हैं। मतलब यह हुआ कि प्रतिपदा से नवमी तक शक्ति आराधना पूरी होती है और परम शक्ति का प्राकट्य होता है नवमी को। यह ऐसा परम पावन दिन है, राम नवमी, राम जन्म महोत्सव।

लेकिन राम सर्वकालिक है, इसलिए उसको कोई एक देश, काल और केवल व्यक्ति की सीमा में बांधना संभव ही नहीं। राम को शायद हम पूरा नहीं समझ पाएं। राम तो परम तत्व हैं। उनसे कई विष्णु अवतरित हैं। रामचरितमानस में कहा गया है कि ‘सबको विश्राम दे, वह राम।’ तो गुरु कृपा से मेरी अपनी समझ यह बनी कि वह चाहे अयोध्या में प्रकट हुए हों, चाहे कोई भी प्रांत में, कोई भी देश में, पाताल में, आकाश में या कहीं भी प्रकट हुए हों, लेकिन वह आराम को प्रदान करें, विराम को प्रदान करें, विश्राम को प्रदान करें और साथ-साथ अभिराम को प्रकट करें। हमारे आंगन में आराम, विश्राम, विराम और अभिराम- ये चार खेलने लगें, तो समझना चाहिए कि तुलसी का राम चार पैरों से हमारे आंगन में घूम रहा है। आज के संदर्भ में राम जन्म महोत्सव का यही सात्विक-तात्विक अर्थ भी निकालना चाहिए। मानस में स्पष्ट लिखा है कि राम मानव के रूप में आए, ऐसी शर्त है- ‘लीन्ह मनुज अवतार’। चतुर्भुज रूप लेकर प्रकट हुए, तो कौसल्या ने मना कर दिया कि मुझे चार हाथ वाला ईश्वर नहीं चाहिए, मुझे दो हाथ वाला ईश्वर चाहिए।
आज के जगत को दो हाथ वाले ईश्वर की ज्यादा जरूरत है। इंसान के रूप में ईश्वर की ज्यादा जरूरत है, इसलिए तुलसी ने कहा, ‘लीन्ह मनुज अवतार’। हाथ भले दो हो, मनुष्य के रूप में हो, लेकिन चार हाथों का काम करे, ऐसा ईश्वर चाहिए। और ये चार हाथों का काम है- धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष। विश्व के धर्म को संस्थापित करें। विश्व को अर्थ माने दुनिया में दीनता न रहे, हीनता न रहे, दुनिया संपन्न रहे। काम माने, दुनिया रसपूर्ण और पल-पल का आनंद उठाए। और मोक्ष माने, आखिर में सभी बंधनों से जो मुक्ति की ओर ले जाए, वही दो हाथ वाले राम के चार भुजकर्म हैं।