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प्रदेश में 34 टीबी पीड़ितों और 2029 संदिग्ध मरीजों की पहचान, इलाज जारी

प्रदेश में टीबी के मरीजों की पहचान के लिए चरणबद्ध अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के पहले चरण में उच्च जोखिम समूहों में सघन जांच की जा रही है। प्रदेश में इस वर्ष अब तक 34 टीबी पीड़ितों और 2029 संदिग्ध मरीजों की पहचान हुई है। दूसरे चरण में एक माह तक पूरी आबादी में घर-घर जाकर सर्वे किया जाएगा। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला ने अभियान की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जनवरी-2021 से शुरू हुए विशेष अभियान के तहत अभी तक प्रदेश के विभिन्न जेलों के 16 हजार 621 कैदियों, खदान क्षेत्रों के 11 हजार 219 श्रमिकों, मलिन बस्तियों के 1 लाख 89 हजार 276 लोगों, वृद्धाश्रमों में रहने वाले 790 बुजुर्गों और 289 स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की जांच की गई है। इस दौरान कुल 2 लाख 23 हजार 955 लोगों की जांच की गई। इनमें 2029 संदिग्ध मरीज़ों की और 34 टीबी पीड़ितों की पहचान हुई है। स्वास्थ्य कार्यकर्ता ने धनात्मक पाए गए मरीजों के घर जाकर काउंसलिंग के बाद तत्काल इलाज शुरू किया किया है। टीबी के मरीज पाए गए छह वर्ष से कम उम्र के छोटे बच्चों वाले घरों में इससे बचाव के लिए दवाई दी जा रही है। अभियान के दौरान 7 लाख लोगों की जांच का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि सभी जिलों में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को टीबी मरीजों की जांच और पहचान के लिए आवश्यक प्रशिक्षण दिया गया है। उच्च जोखिम वाले समूहों में बरसात के पहले टीबी की जांच पूर्ण कर ली जाएगी। स्क्रीनिंग में मिल रहे संदिग्ध मरीजों का स्पुटम सैंपल संकलित कर जांच के लिए सीबीनाट में भेजा जा रहा है। धनात्मक आने वाले मरीजों का तत्काल इलाज भी शुरू किया जा रहा है। लोगों को जागरूक कर टीबी से बचाव और रोकथाम के तरीके भी बताए जा रहे हैं।