वंशवादी राजनीति पर जारी बहस के बीच अरुण जेटली ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा, ”जब पंडितजी ने अपनी बेटी को अपने उत्तराधिकारी के रूप में प्रोत्साहित किया तो उन्होंने वंशवादी लोकतंत्र की आधारशिला रखी. जब उनकी बेटी ने 1975 में तानाशाही रुख अपनाया तो पार्टी की विचारधारा भारत को अनुशासित लोकतंत्र के रूप में बदलने में तब्दील हो गई.”
इस पर गुरुवार को कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने जवाब देते हुए ट्वीट किया, ”इस बात का कोई साक्ष्य नहीं है कि नेहरू ने अपनी बेटी को उत्तराधिकारी के रूप में आगे बढ़ाया. उन्होंने घोषणा करते हुए कहा था, ‘मैं कब्र से शासन नहीं कर सकता’. इसलिए उनके निधन के बाद लाल बहादुर शास्त्री प्रधानमंत्री बने और इंदिरा गांधी के नाम पर विचार तक नहीं हुआ. राजनीतिक इतिहास स्पष्ट रूप से बीजेपी को मजबूती से सूट नहीं करता.”
वंशवादी पार्टी कहने पर बवाल
दरअसल इससे पहले अरुण जेटली ने मंगलवार को कांग्रेस को ‘‘वंशवादी पार्टी’’ करार देते हुए कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में अगर मुकाबला अल्प ज्ञात परिवार के पुत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अपने माता-पिता के कारण पहचान बनाने वाले किसी व्यक्ति के बीच होता है तो भाजपा उस चुनौती को ‘सहर्ष स्वीकार’ करेगी. ‘‘सरदार पटेल के पिता का नाम क्या था’’ शीर्षक से फेसबुक पोस्ट में जेटली ने कहा कि कांग्रेस जैसी वंशवादी पार्टी में प्रतिभा और मेधा का कोई स्थान नहीं होता है. परिवार के इर्द गिर्द की भीड़ कैडर होती है. जेटली की यह पोस्ट ऐसे समय में आई है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी के परिवार के बारे में कांग्रेस के कुछ नेताओं के कथित बयानों को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है. कांग्रेस का हमला
कांग्रेस को ‘वंशवादी पार्टी’ करार देने के वित्त मंत्री अरूण जेटली के फेसबुक पोस्ट को लेकर विपक्षी पार्टी ने मंगलवार को उन पर पलटवार करते हुए सवाल किया कि जेटली ‘रिजर्व बैंक की स्वायत्तता पर हमले’ और अपने मंत्रालय से जुड़े अन्य विषयों पर कोई पोस्ट या ब्लॉग क्यों नहीं लिखते. पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘वित्त मंत्री इस बात पर ब्लॉग क्यों नहीं लिखते कि रुपए की कीमत इतनी क्यों गिर रही है? वित्त मंत्री इस पर भी ब्लॉग क्यों नहीं लिखते कि आरबीआई की स्वायत्तता पर क्यों हमला किया जा रहा है? वित्त मंत्री इस बात पर ब्लॉग क्यों नहीं लिखते कि जब कच्चे तेल की कीमत नीचे आ रही है, फिर भी पेट्रोल और डीजल की कीमत आसमान छू रही है?’’
उन्होंने पूछा, ‘‘वित्त मंत्री इस बात पर ब्लॉग क्यों नहीं लिखते कि देश में पिछले 53 महीनों से, जो निवेश है वो कम क्यों हो गया है? वित्त मंत्री इस बात पर ब्लॉग क्यों नहीं लिखते कि करंट अकाउंट डेफिसिट क्यों बढ़ता जा रहा है?’’ मनीष तिवारी ने कहा, ‘‘दिक्कत ये है कि वित्त मंत्री हर उस चीज के बारे में बात करते हैं जो उनके मंत्रालय से संबंधित नहीं है और उसका कारण साफ है कि वित्त मंत्री जी के देखरेख में देश की जो अर्थव्यवस्था है, वो पूरी तरह से चरमरा गई है.’’
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