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नहीं रहे रोशन भैया…..

जिलाध्यक्ष, हाउसिंग बोर्ड डायरेटर और फिर विधायक

अपनी लोकप्रियता और जनता व पार्टी कार्यकर्ताओं से जुड़े रहने के कारण वे नवबर 1992 में रायगढ़ जिला भाजपा के अध्यक्ष चुने गये और सबसे कम आयु के अध्यक्ष बने। वे पूर्व सांसद नन्दकुमार साय के जुझारू सांसद प्रतिनिधि ाी रहे और जिले के समस्याओं के प्रति सदैव जागरूक रहे। अपनी बेबाकी और स्पष्ट वतृता के नाते उन्हें जीवन में कई झंझटों से गुजरना पड़ा है परन्तु वे कभी किसी के न्याय की लड़ाई में हक दिलाने से पीछे नहीं हटे। रोशनलाल सत्य के लिए हर स्तर पर सहयोग के लिए सैदव तत्पर रहते थे। चाहे वह किसी भी पार्टी का यों न हो। हक की लड़ाई में सदैव न्याय के पक्ष में रहने में विश्वास करते थे। पार्टी के आदेश पर वे अनुशासित सिपाही के रूप में पहली बार रायगढ़ विधानसभा के भाजपा प्रत्याशी बने। रायगढ़ के जागरूक मतदाताओं ने ह्दय से स्वीकार किया। परिणाम स्वरूप कांग्रेस के इस गढ़ में वे कुछ सौ मतों से पराजित होने वाले पहले प्रत्याशी बने। विधान सभा चुनाव के बाद उनकी सतत् सक्रियता का ही यह नतीजा रहा कि 13 वीं लोकसभा के चुनाव में रायगढ़ विधानसभा में एक बार फिर भाजपा का कमल पूरी शति के साथ खिला। सामाजिक एवं शैक्षणिक मोर्चे पर भी रोशनलाल को अपनी कर्मठता के बल पर महती सफलताएं मिली है। वे विगत् कई वर्षों से स्वामी बालकृष्ण पुरी विधि महाविद्यालय की प्रशासनिक समिति के सदस्य होने के अलावा सामाजिक कार्यों में संलग्न अग्रवाल मित्र सभा रायगढ़ के संरक्षक भी है। उल्लेखनीय है कि अग्रवाल मित्र सभा की स्थापना उन्हीं के प्रयासों से हुई है। सन् 2000 में रायगढ़ जिले के पुन: भाजपा अध्यक्ष बने और अपने कार्यकाल में मंडी पंचायतों एवं स्थानीय निकायों की चुनाव में कांग्रेस का सुपड़ा साफ हो गया था। विधान सभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी विजय अग्रवाल को सफलता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की और लोक सभा चुनाव में खरसिया का दायित्व बखूबी निर्वहन करते हुए भाजपा प्रत्याशी को आजाद हिन्दुस्तान में पहली बार रायगढ़ से बढ़त मिली। रोशन अग्रवाल प्रदेश शासन के छाीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के डायरेटर भी रहे एवं सरस्वती शिशु मंदिर के समानित अध्यक्ष पद के दायित्व भार का कुशलता से निर्वहन किया। 2013 के विधानसभा चुनाव में प्रचण्ड मतों (20 हजार से अधिक) के साथ विजय श्री होकर रोशनलाल रायगढ़ विधानसभा क्षेत्र के लोकप्रिय, जुझारू व कर्मठ विधायक बने लेकिन भाजपा के 15 साल के राज के बाद कांग्रेसी आंधी आई तो साल 2018 का चुनाव वे नहीं जीत सके।

विधानसभा में भी मिली थी जिमेदारी

विधायक रहते हुए रोशनलाल की सक्रियता ,कर्तव्य परायणता, ईमानदारी व इच्छाशति ही थी जिसे देखते हुए तत्कालीन मुयमंत्री डॉ. रमन ङ्क्षसह एवं विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने इन्हें विधानसभा के अनेक समितियों की जवाबदेही सौंपी। उन्हें प्रश्न एवं संदर्ा समिति व विशेषाधिकार समिति का सभापति नियुत किया गया। उन्होंने दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे की मंडल रेल्वे उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति बिलासपुर सहित अनेक संस्थानों में संरक्षक के रूप में अपना बहुमूल्य समय एवं योगदान दिया।

आज दिल्ली से आएगा पार्थिव शरीर

पूर्व विधायक रोशनलाल अग्रवाल का पार्थिव शरीर मंगलवार सुबह साढ़े 10 बजे रायगढ़ पहुंचेगा। जिंदल के विशेष विमान से उनका पार्थिव शरीर लाया जाएगा। विशेष विमान सुबह साढ़े 8 बजे दिल्ली से उड़ान भरकर रायगढ़ पहुंचेगा। जिसके बाद जिंदल एयरस्ट्रीप से उनका पार्थिव शरीर ढिमरापुर चौक,केवड़ाबाड़ी चौक,गौशाला पारा और फिर हंडी चौक होते हुए जिला भाजपा कार्यालय पहुंचेगा।

भाजपा कार्यालय में होंगे अंतिम दर्शन

रोशनलाल जनसंघ के जमाने से ताउम्र पार्टी के सच्चे सिपाही बने रहे। भाजपा में उनके चाहने वालों की संया हजारों की तादाद में है। दिल्ली से उनके पार्थिव शरीर को लाने के बाद जिला भाजपा कार्यालय में रखा जाएगा। जहां दोपहर साढ़े 11 बजे से साढ़े 12 बजे तक उनके अंतिम दर्शन किए जा सकेंगे। इस दौरान पार्टी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उन्हें श्रंद्धाजलि देंगे। इसके बाद उनका पार्थिव शरीर किरोड़ीमल कालोनी स्थित उनके निवास स्थान ले जाया जाएगा और 3 बजे कयाघाट स्थित मुक्ति धाम में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।