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रोशन लाल: एक व्यक्तित्व

बाधाएँ कब बांध सकी है, आगे बढऩे वालों को और विपदाएं कब रोक सकी है, मर कर जीने यालों को ।। लक्ष्य ना ओझल होने पावें, का डा इसी तरह मेहनत करता चल सलता यूं ही कदय चुपती रहेगी हर दिन हर पल।।

यह पंक्ति इसव्यक्तित्व के धनी को समर्पित है। आपात के काले दिनों ( 26,जून 975 से 2, मार्च, 4977 तक का 2 घास ) में साा की काली करतूतों का विरोध करने का साहस सिर्फउ्हीं व्यक्तियों में था जिसमें अन्याय और अत्याचार के विरूद्ध लडज़ाने की तड़प और साा की ज्यादतियों को झेल जाने का हौसला था।आपातकाल के काले दिन एक मापदण्ड था – व्यक्ति की सोच, क्षमता, बहादुरी को नापने के हीं काले दिनों पें एक नौजवान ने आपातकाल कीज्यादलियों का पर्चों के माध्यम से विरोध करने का बीड़ा उठाया। वे खौफऔर दहशत के दिन थे। हर समय गिपतारी और फिर लाबी प्रताड़ता काखतरा सिर पर मण्डराते रहने के बावजूद एक साल तक उस युवा ने यह कापबखूबी किया। भविष्य के एक युवा की यह शुरूआत थी और आज पैतीसवर्षो के बाद भी उस्त नौजवान की आग ठण्डी नहीं पड़ी है। उसी का परिणामहै कि आपातकाल की खोज यह नौजवान आज रायगढ़ जिलें की राजनीतिका एक प्रमुख हस्ताक्षर है। लोग रायगढ़ राजनीति के भीष्म पितामह कहतेहै। जनता का उस पर भरोसा है। आम आदमी उसे अपना मित्र मानता है। गरीबों – घजदूरों में उप्तकी लोक प्रियता लगातार बढ़ रही है। संगठन र्काा वनेतृत्वकर्ता जन्मजात गुण है। अब यह बताना आवश्यक नही होना चाहिए.की बिगत तीन दशक से अंचल की हर समस्या के समाथान के प्रति पूरीनिष्ठा व सक्रियता से जुड़ा यह युवा है रोशनलाल। 20 जून १954 को रायगढ़ नगर के मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मे रोशनलाल ने गरीबी और संघर्ष बचपन से देखा है और जीवन में निरंतर श्रम साथना से पसीना बहाते हुए लोगों के साथ जुड़ कर वर्तमान की दहलीज तक पहुचे हंै।

बाल्यकाल से ही अन्याय, झूठ व भ्रष्टाचार के प्रति नफ रत था। छात्र जीवन में विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे और राष्ट्रीय चेतना जागृत करते रहे। आपात काल में पूरी सक्रियता से रोशनलाल के संयोजनव दिशानिर्देश पर में वन्देमातरम शतादी समारोह विभिन्न स्थलों पर आयोजित हुए। उसी दौरान छात्र संघ के अध्यक्ष केरूप में उन्होने स्थानीय बूजी भवन में जिले के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का अभिनंदन किया।सन १977 के लोक सभा चुनाव में रोशन लाल युवा भाजपा के जिला संयोजक के रूप में जनता पार्टी के प्रत्याशी नरहरि साय को रायगढ़ संसदीय क्षेत्र से विजयी बनाने में पूरे लोकसभा क्षेत्र पें साधियों सहित सक्रिय रहे। नरहरिसाय न केवल विजयी रहे बल्कि पहली बार रायगढ़ के सासंद के रूप में उन्हें केन्द्रीय मंत्री मंडल में स्थान मिला। इसका परिणाम यह रहा कि १977 के विधान सभा चुनाव में रोशन लाल को प्रत्याशी चयन समिति का सदस्य बनाया गया। वे सदस्यों में से सबसे कम आयु के थे। भाजपा को व्यापक सफलता मिली। जनता की आशा अपेक्षा को वाणी देने में रोशन लाल समाचार पत्रों से निरंतर जुड़े रहे । युगधर्म, लोकस्वर, भास्कर के मुखर संवादाता रहें और जनसंघर्ष का सदैव साथ दिया। वे रायगढ़ संदेश के व्यवस्थापक भी रहें। उन्होने जुलाई १992 से अपना प्रकाशन “Ó दैनिक जनकर्म ‘ प्रारंभ किया है जो आज जिलें का प्रमुख अखबार है। अपनी लोकप्रियता और जनता व पार्टी कार्यकर्ताओं से सा जुड़े रहने के कारण वे नवंबर १992 में रायगढ़ जिला भाजपा के अध्यक्ष चुने गये और सबसे कम आयु के अध्यक्ष बने । वे पूर्व सांसद नन्दकुमार साय के जुझारू सांसद प्रतिनिधि भी रहे और जिले के समस्याओं के प्रति सदैव जागरूक रहे अपनी बेबाको,स्पष्ट वक्ता के नाते उन्हे जीवन में कई झझटों से गुजरना पड़ा है, परन्तु वे कभी किसी के न्याय की लड़ाई में हक दिलाने ंमें पीछे नही रहें। रोशनलाल सत्य के लिए हर स्तर पर सहयोग के लिए सदैव तत्पर रहते थे। चाहे वह किसी भी पार्टी कायों न हो । हक की लड़ाई में वे सदैव न्याय के पक्ष में रहने में विश्वास करते है। भले ही इससे उनके अपने ही असन्तुष्ट योंना हो जावें। साा के प्रति रोशनलाल में न लगाव था न आज है। पार्टी के आदेश पर वे अनुशासित सिपाही के रूप में Óपहली बार रायगढ़ विधान सभा के भाजपा प्रत्याशी बने परिमाण स्वरूप कांग्रेस के इस गढ़ में वे कुछ सौ मतों से उनकी सतत सक्रियता का ही यह नतीजा रहा कि १3 वी लोकसभा के चुनाव में रायगढ़ विधानसभा में एक बार फिर भाजपा का कमल पूरी शक्ति के साथ खिला।

सामाजिक बल पर महती सलताएं मिली है। वे विगत कई वर्षों से स्वामी बालकृष्ण पुरी विधि महाविद्यालय की प्रशासनिक समिति के सदस्य होने के अलावा सामाजिक कार्योँ में संलग्र अग्रवाल मित्रसभा रायगढ़ के संरक्षक भी है। उल्लेखनीय है कि अग्रवाल मित्र सभा की स्थापना उन्ही के प्रयासों से हुई है। सन 2000 में रायगढ़ जिले के पुन: भाजपा अध्यक्ष बने औरअपने कायकाल पें मंड़ी पंचायतों एवं स्थानीय निकायों की चुनाव में कांग्रेस का सुपड़ा साफहो गया था। विधान सभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी विजय अग्रवाल को सलता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की और लोक सभा चुनाव मे ंखरसिया का दायित्व बखूबी निर्वहन करते हुए भाजपा प्रत्याशी को आजाद हिन्दुतान में पहली बार रायगढ़ से बढ़तमिली। रोशन लाल अग्रवाल प्रदेश शासन के छाीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के डायरेटर भी रहे एवं सरस्वती शिशु मंदिर के समानित अध्यक्ष पद के दायित्व भारत का कुशलता से निवर्हन किया। 20१3 के विधानसभा चुनाब में प्रचण्ड मतों ( 20 हजार से अधिक ) के साथ विजय श्री होकर रोशन लाल रायगढ़ विधान सभा क्षेत्र के लोकप्रिय, जुझारू व कर्पठ विधायक बनकर जन सेवा में ‘पूरी तन्मयता के साथ समर्पित है। अपने विधानसभा क्षेत्र में विकास की गंगा लाने के लिए भागीरथ तप तपतक जारी रखेंगे जब तक सप्नज्ञानवी की धारा समाज के अंतीम व्यक्ति तक ना पहुंच जायें । ये प्रेरणा के पूंज है। मैनेजमेंट के गुरू है। इनकी कार्यशैली से दुश्मन पक्ष के लोग भी खीचें चले आते है। अपने विधानसभा क्षेत्र के प्रत्येक समस्या के प्रति गभीर व दूरदृष्टि से प्रशासन व शासन कोअवगत कराने बाले प्रदेश के प्रथम विधायक है, जो दूरगामी, दीर्घकालिक कार्यो, मध्यकालिक विकास कार्यों सहितÓजनकल्याणकारी योजनाओं के प्रति जागरूकता लाने व शत प्रतिशत उसका लाभ दिलवानें के लिए कटिबद्ध है।प्रत्येक गांव तक शासन की हर योजना का लाभ पहुंचे ये इनकी प्रथम प्राथमिकता रहती है।

लेख – राजेन्द्र नन्दे (ग्राम अडि़केरा, रायगढ़ )