कॉन्फेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) द्वारा विदेशी ई कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ चलाया जाने वाला अभियान धीरे-धीरे रंग लाने लगा है। बताया जा रहा है कि विदेशी ई कॉमर्स कंपनियों पर बजट में प्रावधान किया गया है कि इन्हें दो फीसद अतिरिक्त टैक्स देना होगा। कैट ने इसका स्वागत किया है।
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव ने बताया कि बजट में किए गए प्रावधान में यह है कि ये कंपनियां चाहे माल की बिक्री के कारोबार में लगी हों या सेवा या तकनीकी सेवाएं प्रदान कर रही हों, इन्हें दो फीसद अतिरिक्त टैक्स देना होगा। उन्होंने बताया कि बजट में यह स्पष्ट किया गया है कि यह माल की बिक्री पर भी लागू होगा, फिर चाहे प्रदाता ई कामर्स पोर्टल का मालिक ही क्यों न हो।
इसके अलावा ई कॉमर्स के जरिए सेवाओं के प्रावधानों पर भी ये लागू होगा बावजूद इसके की सेवा प्रदाता खुद ई कॉमर्स आपरेटर हो। उन्होंने बताया कि काफी समय से कैट सरकार से मांग कर रहा था कि ई कामर्स कंपनियों पर शिकंजा कसा जाना चाहिए। यह इस दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि इन कंपनियों ने देश के कानूनों के साथ खिलवाड़ किया है, जिसमें फेमा और एफडीआई पॉलिसी का बड़े पैमाने पर उल्लंघन भी शामिल है।
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