कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रियंका गांधी वाड्रा के पार्टी महासचिव बनाए जाने पर बड़ा बयान दिया है. राहुल गांधी का कहना है कि इस फैसले से भारतीय जनता पार्टी वाले घबराए हुए हैं, मैं बहुत खुश हूं कि प्रियंका अब मेरे साथ काम करेंगी. अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी के दौरे पर पहुंचे राहुल गांधी ने कहा कि प्रियंका के उत्तर प्रदेश में आने से यहां की राजनीति में बड़ा बदलाव आएगा. गौरतलब है कि बुधवार को ही प्रियंका गांधी वाड्रा को पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभार दिया गया है.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि प्रियंका और ज्योतिरादित्य सिंधिया को लाकर हम उत्तर प्रदेश की राजनीति को बदलना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि इन दोनों को सिर्फ 2 महीने के लिए ही नहीं उत्तर प्रदेश लाया गया है, बल्कि यहां लंबे समय तक के लिए विचारधारा को आगे बढ़ाने का काम करेंगी.
प्रियंका के चुनाव लड़ने पर राहुल ने कहा कि ये फैसला पूरी तरह से प्रियंका पर ही निर्भर है, लेकिन हम इस चुनाव में बैकफुट पर नहीं फ्रंटफुट पर लड़ेंगे. कांग्रेस पार्टी पूरे दमखम से ये चुनाव लड़ेगी. उन्होंने कहा कि मैं निजी तौर बहुत खुश हूं क्योंकि वह बहुत कर्मठ हैं और अब वह मेरे साथ काम करेंगी.
वहीं, मायावती और अखिलेश यादव के गठबंधन के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन करने का फैसला उनका है, हम उन दोनों का बहुत सम्मान करते हैं. उन्होंने कहा कि हमें उनसे कोई दिक्कत नहीं है क्योंकि हम तीनों का लक्ष्य ही भारतीय जनता पार्टी को हराना है, हमारी विचारधारा भी मिलती है. राहुल गांधी बोले कि हम बसपा-सपा से बातचीत करने के लिए अब भी तैयार हैं.
बीजेपी पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार ने उत्तर प्रदेश को बर्बाद कर दिया है, हम यूपी वालों से कहना चाहेंगे कि अब हमें मौका दीजिए. आपको बता दें कि प्रियंका गांधी इससे पहले भी अमेठी और रायबरेली का प्रचार करती रही हैं, लेकिन तब तक वह पर्दे के पीछे से ही काम करती रही थीं. अब पहली बार है कि वह आधिकारिक रूप से राजनीति में शामिल हुई हैं.
प्रियंका की रैली में भीड़ जुटेगी, पर NDA पर असर नहीं पड़ेगाः केसी त्यागी
वहीं, प्रियंका गांधी को कांग्रेस का महासचिव बनाए जाने पर जेडीयू प्रवक्ता ने कहा कि एनडीए पर इसका ज्यादा असर नहीं पड़ेगा, लेकिन समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी के रिश्तों पर बुरा असर जरूर पड़ेगा. कांग्रेस इस समय गांधी नेहरू परिवार की पार्टी है. उनके एक ही सदस्य बचे थे, जिनकी राजनीति में विधिवत एंट्री होनी बाकी थी. उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा ने गठबंधन किया और कांग्रेस पार्टी को बाहर कर दिया है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी के पास अंतिम दाव प्रियंका गांधी थीं.
केसी त्यागी का कहना है कि एक तो सपा-बसपा के साथ कांग्रेस के रिश्ते खराब है. इससे और भी खराब हो जाएंगे, क्योंकि अब कांग्रेस 80 सीटों पर लड़कर भविष्य की पार्टी बनना चाहती है. दूसरा बिहार में भी आरजेडी और कांग्रेस अलग-अलग चुनाव लड़ सकते हैं, क्योंकि वहां पर भी लड़ाई जोरों पर है. प्रियंका गांधी जैसे आकर्षक चेहरे को सामने लाकर कांग्रेस भुनाने का भी काम करेगी. कांग्रेस पर दबाव डालने में लगे क्षत्रपों से द्वंद बढ़ेगा. फिर चाहे ममता बनर्जी हों या फिर अखिलेश यादव. हालांकि एनडीए पर इसका बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ेगा.
त्यागी ने कहा कि वो गांधी नेहरू परिवार की सबसे आकर्षक व्यक्तित्व वाली महिला हैं. भीड़ उनके कार्यक्रम में पहले भी आती थी. इश्यूज पहले भी नहीं थी उनके पास और अब भी नहीं है. वैचारिक स्तर की जो राजनीति के परोधा हैं, उनको चुनौती देना उनके लिए मुश्किल होगा. भीड़ इकट्ठी करने में वो कामयाब होंगी, पर कोई बड़ी चुनौती एनडीए के लिए नहीं होगी.
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