12 फरवरी (भाषा) बजट 2021-22 को दिशाहीन एवं गरीब विरोधी बताते हुए विपक्ष ने आरोप लगाया कि इसमें रक्षा सहित कई अहम मदों में कटौती की गई है और गरीबों को राहत देने का कोई प्रयास नहीं किया गया है वहीं सत्ता पक्ष ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की झलक दिखाने वाला यह बजट कोविड काल से उबरते समय अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाएगा ।
उच्च सदन में बजट 2021-22 पर चर्चा को आगे बढ़ाते हुए तृणमूल कांग्रेस के अबीर रंजन बिस्वास ने बजट को छलावा बताया। उन्होंने कहा कि सभी जरूरी मदों में यहां तक की रक्षा क्षेत्र का बजट तक घटा दिया गया है जबकि जरूरी क्षेत्रों को पुनर्जीवन पैकेज दिया जाना चाहिए था।
उन्होंने आरोप लगाया कि जिस तरह यह बजट तैयार किया गया है, उससे साफ है कि यह कारपोरेट घरानों के लिए ही है। उन्होंने कहा ‘‘सरकार के पास हर समस्या का एक ही जादुई जवाब है – निजीकरण। लाभकारी उपक्रमों को घाटे वाले बता कर उनका निजीकरण किया जाना सही नहीं है। बजट कहता है कि अगर आपको परेशानी है तो सहें, शिकायत न करें, उम्मीद न करें ।’’
बिस्वास ने कहा ‘‘असम के चाय बगान के कर्मी लगातार परेशानी से गुजर रहे हैं। उनके लिए केवल 100 करोड़ रुपये का पैकेज घोषित किया गया है। दो राज्यों के चाय बगान कर्मियों की संख्या करीब पांच लाख है और इस पैकेज को देखें को प्रत्येक कर्मी को पूरे साल में केवल दो हजार रुपये मिलेंगे। इससे उनका क्या भला होगा ?’’
उन्होंने आरोप लगाया कि समग्र शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय बालिका प्रोत्साहन योजना, खेल सहित कई क्षेत्रों में बजट घटा दिया गया है।चर्चा में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने हस्तक्षेप करते हुए कहा ‘‘यह बजट आशा जगाने वाला है। सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें पूंजीगत व्यय में साढ़े पांच लाख करोड़ रुपये की वृद्धि की गई है।’’
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