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विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के जिस घोषणा पत्र को भाजपा ने अपनी हार का कारण माना था, अब उसे ही वह लोकसभा चुनाव के लिए ब्रह्मास्त्र बनाने में लगी है। कांग्रेस ने जो वादे किए थे, उन्हीं पर भाजपा उसे घेरने में लगी है। इसके लिए जिला स्तर पर प्रदर्शन भी किए जा रहे हैं। आला नेता लगातार बयानबाजी करके कांग्रेस सरकार को वादाखिलाफी का आरोप लगाकर कटघरे में खड़े करने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, कांग्रेस सरकार भी जानती है कि उस पर लोकसभा चुनाव के पहले अधिकाधिक वादों को पूरा करने का भारी दबाव है। इस कारण विपक्ष के हमले को कमजोर करने के लिए कांग्रेस सरकार पुराने मामलों की परतें खोलने में लग गई है।
विधानसभा चुनावी में मिली करारी हार के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने यह स्वीकार किया था कि भाजपा का घोषणापत्र कांग्रेस की तुलना में कमजोर रहा। कांग्रेस ने इतने ज्यादा लोक लुभावन वादे कर दिए कि जनता का वोट उसी को चला गया। हालांकि, बाद में कौशिक ने भाजपा की हार के बाद पार्टी के कार्यकर्ताओं को भी जिम्मेदार ठहराया है, इसे लेकर पार्टी के भीतर अंतरकलह चल रही है। लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा संगठन एक बार फिर से एकजुट होकर उत्साह साथ खड़े होने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए भाजपा दोहरी रणनीति पर काम कर रही है। एक तरफ कार्यकर्ताओं का गुबार बाहर निकालकर उन्हें शांत किया जा रहा है, तो दूसरी तरफ प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा जा रहा है। कांग्रेस सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाने के लिए जिलों में धरना-प्रदर्शन का दौर शुरू कर दिया है। भाजपा के आला नेता सोशल मीडिया पर भी कांग्रेस सरकार को आड़े हाथ ले रहे हैं।
वादाखिलाफी की हवा से कांग्रेस का वोट न हिले, उसके लिए कांग्रेस सरकार ने भाजपा के आला नेताओं को पुराने मामलों में घेरना शुरू कर दिया है। नान घोटाला, झीरम कांड, अंतागढ़ टेपकांड की नए सिरे से जांच शुरू करा दी है। पुराने मामलों में एफआइआर भी कराई जा रही है, ताकि भाजपा के आला नेता दबाव में आएं। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और दूसरे नेता कांग्रेस सरकार पर बदले की राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं। इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि वे बदले की नहीं, बदलाव की राजनीति कर रहे हैं।
दोनों दलों में लोकसभा चुनाव के लिए मुद्दे तलाशने की होड़
लोकसभा चुनाव के लिए अब भाजपा और कांग्रेस ऐसा घोषणापत्र बनाने की बात कह रहे हैं, जो जनता के मन का होगा। पहले राहुल गांधी ने कांग्रेस की टीम को छत्तीसगढ़ भेजा था, जिसमें सौ से अधिक संगठनों, संघों और संस्थानों के प्रतिनिधियों से चर्चा की थी। जनता की जरुरत को समझा था। इसके बाद अब भाजपा ने मन की बात, मोदी के साथ अभियान का रथ घूमाना शुरू किया है। छत्तीसगढ़ में सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने रथों को रवाना किया है, जो सभी 11 लोकसभा क्षेत्रों में घूमेगा। रथ के साथ चलने वाले पार्टी के नेता आम जनता से घोषणापत्र के लिए सुझाव लेंगे।
भाजपा इन वादों पर घेर रही कांग्रेस सरकार को
शराबबंदी – कांग्रेस ने वादा किया था कि प्रदेश में शराब बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा। बस्तर, सरगुजा जैसे अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभा को शराबबंदी का अधिकार होगा। अभी तक केवल यह हुआ है कि अध्ययन दल दूसरे राज्यों में भेजा जाएगा। भाजपा सरकार सवाल उठा रही है कि सरकार अपना वादा पूरा करना छोड़कर पुरानी व्यवस्था में ही शराब बेच रही है।
किसानों का कर्ज माफ – कांग्रेस सरकार का दावा है कि 12.60 लाख किसानों का 61 सौ करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया है, जबकि भाजपा का कहना है कि कांग्रेस सरकार ने अब तक एक भी किसान का कर्ज माफ नहीं किया है। केवल लिंकिंग का पैसा ही वापस किया जा रहा है।
बिजली बिल हाफ – कांग्रेस का वादा था कि 400 यूनिट तक बिजली खपत पर फिक्स रेट तय किया जाएगा, ताकि बिजली का बिल हाफ हो सके। भाजपा का कहना है कि अब तक बिजली का बिल हाफ करने के लिए कांग्रेस सरकार ने कोई कार्ययोजना तैयार नहीं की है।
संपत्तिकर आधा – कांग्रेस ने शहरी क्षेत्रों में संपत्तिकर को कम से कम 50 फीसद कम करने का वादा किया था, अभी सरकार ने नगरीय निकायों से राजस्व वसूली का ब्योरा मंगाया है। भाजपा का कहना है कि सरकार ने संपत्तिकर आधा करने और उसकी भरपाई की कोई योजना नहीं बनाई है।
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