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Editorial :- कांग्रेस मुक्त भारत का सपना मोदी जी का नहीं, महात्मा गांधी का था?

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8 February 2019

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के बजट अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए जिन बातों का उल्लेख किया उनमें से तीन बातों की चर्चा इस संपादकीय में की जा रही है।

>> पीएम मोदी बोले: ‘महामिलावटÓहै विपक्ष का महागठबंधन,

>> Óकांग्रेस मुक्त भारतÓ का सपना मेरा नहीं, महात्मा गांधी का था : पीएम मोदी

>> पीएम मोदी ने बताए कांग्रेस के लिए क्चष्ट और ्रष्ठ का अर्थ।

मोदी जी ने अपने भाषण में कहा कि आंबेडकर ने एक बार कहा था कि कांग्रेस में शामिल होना आत्महत्या के समान होगा: पीएम मोदी

कांग्रेस के बारे में महात्मा गांधी समझ गए थे, उन्हें पता था कि सारी विकृतियां कांग्रेस को जल्दी पकड़ती हैं। इसलिए उन्होंने कांग्रेस मुक्त भारत का नारा दिया था, यह नारा मेरा नहीं है। मैं तो महात्मा गांधी की 150वीं जन्म शताब्दी पर उनकी इच्छा पूरी करने की कोशिश कर रहा हूं।

२०१३ में तमिलनाडू की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता ने कांग्रेस को भंग करने के गांधी के इरादे का सबूत वहॉ की विधानसभा में पेश किया था, उसका उल्लेख यहॉ इस संपादकीय में करना आवश्यक है।

चेन्नई: तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता ने आज राज्य विधानसभा में कांग्रेस के सदस्यों को उनके मंत्री के तर्क को मान्य करने के लिए दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत किए कि महात्मा गांधी स्वतंत्रता के बाद शताब्दी पुराने राजनीतिक दल को भंग करना चाहते थे।

कुछ कांग्रेस सदस्यों की मांग का जवाब देते हुए, जिन्होंने यह सबूत मांगा था कि महात्मा गांधी ने आजादी के बाद कांग्रेस को भंग करने की वकालत की थी।

जयललिता ने आजादी के बाद महात्मा गांधी द्वारा कांग्रेस भंग करने की इच्छा जताने से जुड़े कुछ दस्तावेजी सुबूत पेश किए। राज्य विधानसभा के कुछ सदस्यों ने महात्मा गांधी की इस इच्छा को साबित करने वाले सुबूतों की मांग की थी। जयललिता ने कलेक्टेड ?क्र्स ऑफ महात्मा गांधीवॉल्यूम 90Ó के कुछ अंश पढ़कर सभी को चौंका दिया।

जयललिता ने किताब के अंश को पढ़ते हुए कहा, ”हालांकि, भारत के दो हिस्सों में विभाजित होने के बाद, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के माध्यम से राजनीतिक स्वतंत्रता प्राप्त हुई, जिसका मतलब है कि कांग्रेस अपने वर्तमान आकार और रूप में, एक प्रचार वाहन और संसदीय मशीन के रूप में उपयोग किया गया था,अब कांग्रेस के मौजूदा स्वरूप की उपयोगिता खत्म हो गई है।ÓÓ

मोदी जी ने अपने आज के भाषण में दूसरी बात का उल्लेख किया है –   ‘महामिलावटÓहै विपक्ष का महागठबंधन।

यह सत्य है कि महागठबंधन ही नहीं बल्कि कांग्रेस के मठाधीश भी महामिलावट को प्रतिबिंबित करते हैं। वे भानुमति के पिटारे के प्रतिरूप हैं।

भानुमती का पिटारा का अर्थ हैवह पात्र, जिसमें तरह तरह की चीजें मौजूद रहती हैं .

इसी प्रकार से महागठबंधन भी विभिन्न प्रकार के विरोधाभाषों का गठबंधन है।

यही बात नेहरूगांधी डायनेस्टी के बारे में भी कही जा सकती है।

राहुल गांधी अपने आपको फिरोज खान के पौत्र हैं यह कभी नहीं कहे। वे हर समय अपनी दादी इंदिरा गांधी का ही नाम लेते रहे हैं।

लोगों को यह समझना भी मुश्किल हो रहा है कि फिरोज खान के पुत्र राजीव गांधी हिन्दू रहे या मुस्लिम।

इसी प्रकार से यह भी असमंजस है कि फिरोज खान के पौत्र और क्रिस्चियन सोनिया गांधी के पुत्र  हिन्दू हैं या और धर्मावलंबी। यद्यपि राजस्थान चुनाव के समय राहुल गांधी ने वोट बैंक पॉलिटिक्स के चलते पुष्कर में खुद को कश्मीर कौल ब्राह्मण बताते हुए अपना गोत्र दत्तात्रेय बताया।

आज के अपने भाषण में पीएम मोदी ने बताए कांग्रेस के लिए क्चष्ट और  ्रष्ठ का अर्थ।

 पीएम मोदी ने कहा, आज के भाषण में कांग्रेस बस 1947 से 2014 तक की बात करती रही. जिस तरह क्चष्ट और ्रष्ठ होते हैं, उसी तरह कांग्रेस के लिए भी इसका अपना ही अर्थ है. पीएम मोदी ने कहा, कांग्रेस के लिए बीसी का अर्थ है बिफोर कांग्रेस  इसी तरह ्रष्ठ का अर्थ कांग्रेस के लिए है.

इसी संदर्भ में यहॉ इस बात का भी उल्लेख करना भी अतिश्योक्ति कि राहुल गांधी जी के लिये  बीसी का मतलब है  | 

राहुल गांधी अपने भाषण में हर समय कांग्रेस का अध्यक्ष बनने के पूर्व कांग्रेस के पापों का भार ढोने में असमर्थता व्यक्त करते रहे हैं जिस प्रकार से दिल्ली की प्रेस कांफ्रेंंस में राहुल गांधी जी ने मनमोहन सिंह जी के प्रधानमंत्रित्व काल में पारित अध्यादेश की एक प्रतिलिप को फाड़ कर हवा में उछाल दिया था।

इसी प्रकार से राहुल गांधी जी के लिये ्रष्ठ का अर्थ है इसका मतलब यह है कि राहुल गांधी अभी ४५ वर्ष के होते हुए भी अविवाहित हैं। इसीलिये उन्होंने अब  वाड्रा डायनेस्टी को आगे किया है।

रॉबर्ट वाड्रा की पत्नी प्रियंका वाड्रा अर्थात राहुल गांधी जी की बहन प्रियंका गांधी को कांग्रेस का महासचिव नियुक्त किया है। नियुक्ति के समय कांग्रेस कार्यालय के बाहर अनगिनित पोस्टर भी चिपकाये गये थे जिनमें रॉबर्ट वाड्रा का चित्र था।

राहुल गांधी जी को और उनकी कांग्रेस को चाहिये कि वे दो नांव में या दो से अधिक नांव में सवारी कर एक ही नांव में सवारी करेंं अर्थात वोट बैंक पॉलिटिक्स के लिये कभी जनेऊधारी ब्राम्हण का रूप धरकर हिन्दुओं को रिझाएं और कभी तीन तलाक खत्म करने का मुसलमानों को आकर्षित करने का ड्रामा करें।

राहुल गाध्ंाी और उनकी कांगे्रस को अपने वास्तविक रूप में ही जनता के समक्ष पेश करना चाहिये ऐसा करने से उन्हें २०१९ के लोकसभा चुनाव में अधिक सफलता प्राप्त होगी।