विपक्ष के वरिष्ठ नेताओं ने बुधवार को बैठक की जिसके दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल को पहली बार एक साथ देखा गया। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार द्वारा अपने आवास पर बुलाई गई बैठक में इन दोनों नेताओं के अलावा ममता बनर्जी तो आई लेकिन 80 सीटों वाले उत्तर प्रदेश में दबदबा रखने वाली सपा और बसपा से कोई शामिल नहीं हुआ। बैठक में लोकसभा चुनाव में भाजपा की अगुआई वाले राजग के साथ मुकाबला करने के लिए साझा न्यूनतम कार्यक्रम पर फैसला लिया गया।
बैठक के बाद राहुल ने संवाददाताओं से कहा कि हम सभी इस बात पर सहमत हुए कि हमारा प्रमुख लक्ष्य नरेंद्र मोदी, भाजपा और आरएसएस द्वारा किए जा रहे भारतीय संस्थानों पर हमले का सफाया करना है। हम एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम पर बातचीत शुरू करने के लिए सहमत हुए हैं।
हमने सभी ने प्रतिबद्धता जताई है कि हम सभी मिलकर बीजेपी को हराने के लिए काम करेंगे। हमारी बैठक बहुत रचनात्मक हुई। दिल्ली और पश्चिम बंगाल में गठबंधन के सवालों से बचते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली और बंगाल में गठबंधन को लेकर अभी फैसला नहीं किया गया है।
वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वार्ता को सकारात्मक बताया और कहा कि विपक्ष एकजुट होकर काम करेगा। बैठक से संकेत मिला है कि दिल्ली में 2015 में सत्ता में आने के बाद से एक दूसरे की विरोधी रही आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन बन सकता है।
तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बैठक को सार्थक बताया और जोर देकर कहा कि नरेंद्र मोदी हटाओ, बीजेपी हटाओ, देश बचाओ हमारा एजेंडा है। हम चुनाव पूर्व गठबंधन करेंगे। तेलुगु देसम पार्टी के प्रमुख और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि भारत को बचाना एक लोकतांत्रिक अनिवार्यता है जबकि नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला ने बैठक को बेहतर कहा। फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि देश में लोगों को जोड़ने वाली सरकार बननी चाहिए। देश को बचाने के लिए, जो भी कुर्बानी देनी पड़े हम देंगे।
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