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विपक्ष के महागठबंधन पर सीपीएम नेता ने उठाए सवाल, बोले- सीटों का बंटवारा मुश्किल

एनडीए के खिलाफ खड़े किए जा रहे महागठबंधन को लेकर कई अटकलें लगाई जा रही हैं। अगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बनाए जा रहे इस महागठबंधन को भाजपा पहले ही खारिज कर चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह चुके हैं किविपक्षी पार्टियां भाजपा के खिलाफ महागठबंधन बनाने की कोशिश कर रही हैं। उनका एजेंडा केवल मोदी है, लेकिन इनका कुछ नहीं हो पाएगा। अब मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) नेता हन्नन मुल्ला ने भी विपक्ष के महागठबंधन पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) नेता हन्नन मुल्ला ने विपक्षी दलों को लेकर कहा, ‘इतनी सारी पार्टियों में सीटों का बंटवारा करना बेहद मुश्किल होगा। संभवतः विपक्षी दल आपस में ही लड़ते नज़र आएंगे। ऐसे में मुझे नहीं लगता, वे एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम बना पाएंगे और आपस में ही लड़ते रहेंगे। कम्युनिस्ट पार्टियां इस गठबंधन में नहीं रह पाएंगी।’

नेताजी के बयान से विपक्ष को झटका

इधर, लोकसभा चुनाव में उतरने से पहले नेताजी मुलायम सिंह यादव के ‘मोदी प्रेम’ ने भी विपक्ष को तगड़ा झटका दे दिया है। उनके इस प्रेम की सच्चाई और गहराई पर आश्चर्य जताया जा सकता है, सवाल भी उठाया जा सकता है, पैंतरा भी बताया जा सकता है। लेकिन इससे कोई असहमत नहीं होगा कि उन्होंने उत्तर प्रदेश में बने गठबंधन और अपने पुत्र तथा सपा अध्यक्ष अखिलेश के निर्णय से खुद को अलग ही नहीं किया, बल्कि नकार भी दिया है। शायद इसीलिए यह कहने से भी नहीं चूके कि विपक्ष भाजपा जैसा बहुमत नहीं पा सकता है। कांग्रेस को भी संकेत दे दिया है कि उनकी राजनीति कांग्रेस के साथ नहीं हो सकती है। दरअसल, नेताजी ने लोकसभा में कहा कि वह चाहते हैं नरेंद्र मोदी एक बार प्रधानमंत्री बनकर संसद में आएं।

पीएम मोदी ने महागठबंधन को बताया महामिलावट

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मोदी सरकार के खिलाफ बन रहे महागठबंधन पर तंज कसते हुए पीएम मोदी ने पिछले दिनों छत्‍तीसगढ़ में कहा था, ‘देश के अलग-अलग हिस्सों से ऐसे लोग महागठबंधन में मिल रहे हैं, जो कभी कांग्रेस को कोस कर उससे अलग हो गए थे। इनमें होड़ लगी है कि कौन मोदी को कितनी गाली दे सकता है। महामिलावट में शामिल होने का यही क्राइटेरिया है।