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12वीं की परीक्षा देने वाला था आतंकी डार, अचानक हो गया गायब

जम्मू-कश्मीर में 14 फरवरी का दिन रोजाना की तरह ही था. घाटी में ठंडी हवाएं सिहरन पैदा कर रही थी, रह-रहकर हो रही बूंदाबांदी ने सर्दी और भी बढ़ा दी थी. इसी खराब मौसम के दरमियान सीआरपीएफ के जवानों की मूवमेंट हो रही थी. सीआरपीएफ के ढाई हजार जवानों का काफिला 78 वाहनों में सवार होकर जम्मू से श्रीनगर जा रहा था. सीआरपीएफ का ये काफिल नेशनल हाईवे 44 पर था.

सेना के जवान अवंतीपुरा शहर के नजदीक लेथीपुरा से होकर गुजर रहे थे, तभी जैश के आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार ने 350 किलो विस्फोटकों से लदे एक एसयूवी को जवानों से भरे एक बस से टकरा दिया. इस बस में 35 से 40 लोग सवार थे. ये धमाका इतना जबर्दस्त था कि कई किलोमीटर दूर तक इसकी आवाज सुनाई दी.

हमले में जान गंवाने वाले सीआरपीएफ जवानों की संख्या शुरू में तो 8 से 12 आई. लेकिन हर पांच मिनट के बाद ये आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा था. कुछ ही देर में शहीद होने वालों की संख्या 25 फिर 30 फिर 35 और इसके बाद 44 हो गई.

इस आंकड़े को देखकर देश स्तब्ध था. कुछ घंटे में तस्वीर साफ हुई तो पता चला कि हमले में 40 जवान शहीद हो चुके थे. हमले के बाद देश के लोगों में जबर्दस्त गुस्सा देखा गया, हर ओर से पाकिस्तान से बदले की मांग की जा रही है. पीएम ने भरोसा दिया है कि इस हमले के गुनहगारों को छोड़ा नहीं जाएगा.

कौन है आदिल अहमद डार

सीआरपीएफ जवानों के बस से विस्फोटकों से भरी कार को टकराने वाला आतंकी आदिल अहमद डार मात्र 20 साल का कश्मीरी था. आदिल के माता-पिता के मुताबिक वह 12 की परीक्षा में शामिल होने वाला था कि अचानक एक दिन घर से गायब हो गया.

जांच में पता चला है कि हमले के लिए RDX का इस्तेमाल किया गया था. हमले के तुरंत बाद पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इसकी जिम्मेदारी ली है. जैश ने आतंकी आदिल डार का एक वीडियो भी जारी किया है, जिसने एक साल पहले ही इस आतंकी संगठन को ज्वाइन किया था. पाकिस्तान ने इस हमले में अपना कोई भी रोल होने से इनकार किया है. हालांकि भारत ने इस बावत पाकिस्तान को सख्त चेतावनी देते हुए आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है.

पुलवामा हमले पर भारत के साथ दुनिया की ताकतें

दुनिया के तकरीबन सभी कद्दावर मुल्कों ने पुलवामा हमले पर दुख और रोष जताया है. अमेरिका, रूस और चीन समेत 45 देशों ने इस घटना की निंदा की है. अमेरिका ने कहा है कि पाकिस्तान को तत्काल प्रभाव से आतंकी तत्वों को शरण देना बंद करना चाहिए. रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने हमले पर दुख जताया और  भारत के साथ मुश्किल की इस घड़ी में मदद का भरोसा दिया. फ्रांस ने कहा कि वह ऐसे हमलों की निंदा करता है और पाकिस्तान को ऐसे संगठनों का हुक्का-पानी बंद करना चाहिए.

हालांकि चीन ने भी इस घटना की निंदा की लेकिन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के खिलाफ कार्रवाई पर चीन अपने पुराने रूख पर ही कायम है. इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, यूरोपियन यूनियन, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, अफगानिस्तान, मालदीव और बांग्लादेश समेत कई देशों ने भारत को समर्थन किया है.