कर्नाटक में विधानसभा चुनावों के लिए 12 मई को मतदान होगा और 15 मई को वोटों की गिनती होगी.
कांग्रेस और भाजपा समेत कुछ क्षेत्रीय दल भी 224 विधानसभा सीटों के लिए होने वाली इस चुनावी दौड़ की तैयारी में लगे हैं.
दक्षिण भारत में अपने राजनीतिक विस्तार को आतुर भाजपा कर्नाटक चुनाव में हरसंभव बाज़ी खेलने को तैयार है.
वहीं कांग्रेस पार्टी प्रदेश में अपनी सत्ता बचाने की कोशिश में लगी है.
पढ़िए, इस चुनाव पर उर्मिलेश की राय:
इस चुनाव में अगर कांग्रेस हारी या उसके विधायकों के नंबर गिरे, तो भाजपा का हौसला बढ़ेगा और वो मज़बूती से ये दावा पेश करने लगेगी कि 2019 के विजेता वही होंगे.
इसका कारण है कि किसी भी पार्टी के लिए दक्षिण भारत में अपनी राजनीतिक उपस्थिति दर्ज कराने के लिए कर्नाटक सबसे अहम राज्य है.
वहीं पंजाब में कांग्रेस को जीत मिली. बिहार में जहाँ वो आरजेडी और जेडीयू के गठबंधन में जूनियर पार्टनर थी, वहाँ उन्हें जीत मिली. हालांकि, बाद में बिहार की कहानी बदल गई.
More Stories
पाकिस्तान की भाषा बोलने वालों पर देशद्रोह का आरोप लगाकर जेल भेजा जाए: एकनाथ शिंदे
दिल्ली एलजी सक्सेना ने खालिस्तानी समूह ‘एसएफजे’ से धन प्राप्त करने के लिए केजरीवाल के खिलाफ एनआईए जांच की मांग की – द इकोनॉमिक टाइम्स वीडियो
‘अपना दिमाग खो दिया’: भाजपा के अजय आलोक ने पुंछ आतंकी हमले पर चरणजीत चन्नी की ‘स्टंटबाजी’ टिप्पणी की आलोचना की