शहरों की सफाई व्यवस्था को सुधारने के लिए ‘स्वच्छता कमांडो’ रखे जाएंगे। राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी 168 नगरीय निकाय वाले क्षेत्रों में प्लेसमेंट पर अतिरिक्त सफाई कर्मी रखने का निर्देश जारी किया है, लेकिन ये कर्मचारी केवल नौ माह के लिए ही मिलेंगे।
सरकार ने आबादी के हिसाब से अतिरिक्त सफाई कर्मी रखने की संख्या भी तय कर दी है। प्लेसमेंट पर रखे जाने वाले स्वच्छता कमांडो अनुबंध प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से ही रखे जाएंगे। इनकी नियुक्ति एक अप्रैल 2018 से 31 दिसंबर 2018 तक के लिए ही होगी।
उसके बाद इनकी नियुक्ति स्वत: निरस्त हो जाएगी। स्वच्छता कमांडो को काम शुरू करने से पहले और काम खत्म करने के बाद रोजाना दो बार उपस्थिति दर्ज करानी होगी।
स्वच्छता कमांडो के लिए प्लेसमेंट के सबसे अधिक अतिरिक्त कर्मचारी रायपुर नगर निगम को मिलेंगी, क्योंकि यहीं की आबादी 10 लाख से अधिक है। साढ़े तीन लाख से अधिक आबादी वाले दो नगर निगम कोरबा और भिलाई हैं, जिन्हें 25-25 अतिरिक्त कर्मचारी मिल पाएंगे।
ढाई लाख से अधिक आबादी बिलासपुर और दुर्ग नगर निगम की है, जहां 20-20 अतिरिक्त कर्मचारी रखे जा सकेंगे। अन्य नगर निगम में 15-15 स्वच्छता कमांडो बनाए जा सकेंगे। सेंट्रल गैंग जैसी व्यवस्था रायपुर समेत कुछ बड़े नगर निगमों में वार्ड के अलावा जोन और सेंट्रल गैंग बनाया गया है।
जोन का गैंग रोजाना वार्ड में पहुंचकर विशेष सफाई अभियान चलाता है। सेंट्रल गैंग विशेष आयोजन, कार्यक्रम या बड़े सफाई अभियान में लगता है। इससे मिलतीजुलती व्यवस्था स्वच्छता कमांडो की भी होगी।
सफाई व्यवस्था पर नाराजगी
सफाई व्यवस्था को लेकर हर नगरीय निकाय में नाराजगी है। बुधवार को रायपुर नगर निगम की सामान्य सभा के दौरान सफाई व्यवस्था को लेकर भारी हंगामा हुआ, जिसमें दोनों दल भाजपा और कांग्रेस के अलावा निर्दलीय पार्षद भी शामिल थे। पार्षदों ने एक ठेकेदार का ठेका रद करने का प्रस्ताव भी पास कर दिया।
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