राशिद ज़हीर, मेरठकोरोना काल के दौरान होने वाली मौतों के बाद श्मशान घाटों पर अधिक शवों के दाह संस्कार से अब नई मुसीबत पैदा हो रही है। श्मशान से उठने वाले धुएं से पास ही बनी कॉलोनी के लोगों का जीना मुहाल हो गया है।लोगों का कहना है कि दिन-रात जल रही चिताओं से उठने वाला धुआं और राख उड़कर घरों में पहुंच रही है। आलम ये है कि रसोईघर में खाना तक बनाना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में कोरोना संक्रमण का खतरा बना हुआ है। वहीं, इस मामले में कॉलोनी के लोगों ने अपनी छतों से श्मशान घाट का वीडियो बनाकर अपनी पीड़ा व्यक्त की है और मदद की गुहार लगाई है। मामले में अधिकारियो ने संज्ञान लेते हुए कहा है कि जल्द ही इसका निस्तारण किया जाएगा।सूरजकुंड श्मशान घाट का मामलामामला मेरठ के सूरजकुंड श्मशान घाट का है। इस श्मशान में 42 प्लेटफार्म बने हुए हैं, लेकिन कोरोना से होने वाली मौतों के कारण नगर निगम ने यहां खाली पड़े एरिया में नये प्लेटफॉर्म तैयार कर दिए हैं, लेकिन यहां न तो दीवारें हैं ना ही टीन शेड, जिसके चलते चिताओं से लगातार धुआं और राख उड़कर घरों तक पहुंच रही है। साथ ही यहां बदबू भी आती है। लोगों ने मांग की है कि ये श्मशान यहां से बंद किया जाना चाहिए। घर में रहने वाले बच्चे भी डरे सहमे हुए हैं ।जल्द कार्रवाई का आश्वासनमामले की गंभीरता को देखते हुए नगरायुक्त मनीष बंसल ने इस समस्या का जल्द समाधान करने की बात कही है।
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