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देवरियाउत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के डीएम ने कोविड महामारी से निपटने के लिए लोगों को भागीदार बनाने की पहल की है। इसके लिए उन्होंने डिस्ट्रिक्ट सोशल रिस्पांसिबिलिटी कमिटी के नाम से मौजूद बैंक अकाउंट में लोगों से मदद करने की अपील की है। एचडीएफसी बैंक के इस खाते में मिली सहयोग राशि का इस्तेमाल कोविड मरीज़ों के बेहतर इलाज और सुविधाओं के लिए किया जाएगा। अभी तक इस खाते में लगभग डेढ़ लाख रुपये की सहयोग राशि इकट्ठा हो चुकी है। हालांकि डीएम की इस पहल को लेकर लोग सरकारी व्यवस्थाओं पर सवाल भी उठा रहे हैं।जिले में कोविड महामारी चरम पर है। कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में जहां लगातार बढो़त्तरी हो रही है वहीं इस बीमारी से मौत भी काफी संख्या में हो रही है। जिले का शायद ही कोई ऐसा गांव बचा हो जहां मौतें ना हुई हों। कई गांवों में मृतकों की संख्या दो दर्जन से ऊपर हो गई है। मरीजों को ऑक्सीजन और बेड की किल्लत भी झेलनी पड़ रही है। महामारी पर काबू पाने के लिए जिला प्रशासन पूरी ताकत से जुटा है लेकिन संसाधनों की कमी के चलते काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। डिस्ट्रिक्ट सोशल रिस्पांसिबिलिटी कमिटी के खाते में मांगा दान/सहयोग ऐसी परिस्थिति में जिला अधिकारी आशुतोष निरंजन ने कोविड महामारी से निपटने के लिए जिलों के लोगों से सहयोग की अपील की है। डीएम आशुतोष निरंजन ने जिले के लोगों से अपील की है कि कोविड-19 वैश्विक महामारी को देखते हुए जो भी व्यक्ति प्रशासन के सहयोग हेतु दान/सहयोग देना चाहते हैं, वह उनके कार्यालय में चेक/बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से दे सकते हैं। इसके साथ ही आर्थिक सहयोग एचडीएफसी बैंक के खाता संख्या 50100085778431 आईएफएस कोड HDFC0000947 में भी किया जा सकता है। यह धनराशि कोविड मरीजों के उपचार एवं अन्य चिकित्सकीय सामग्रियों की व्यवस्था पर खर्च किया जाएगा। डीएम ने टि्वटर हैंडल से भी पोस्ट किया था पत्र , बाद में किया डिलीटजिलाधिकारी ने इससे संबंधित एक पत्र भी अपने ट्विटर के माध्यम से पोस्ट किया था। ट्विटर के जरिये यह पत्र जब आम जनता तक पहुंचा तो तरह-तरह के सवाल खड़े होने लगे। आम जनता में यह चर्चा शुरू हो गई कि डीएम के पत्र से ऐसा लग रहा है कि शासन द्वारा कोविड महामारी से निपटने के लिए पर्याप्त मात्रा में धन नहीं उपलब्ध कराया जा रहा है। शायद यही वजह है कि जिलाधिकारी को लोगों से दान/सहयोग राशि मांगनी पड़ रही है। लोग सूबे की योगी सरकार के उस दावे पर भी सवाल खड़ा करने लगे, जिसमें कहा जा रहा था कि प्रदेश में कोविड से निपटने के लिए किसी भी संसाधन की कमी नहीं है। सूत्रों के मुताबिक, जब इन चर्चाओं की जानकारी जब डीएम को हुई तो उन्होंने यह ट्वीट डिलीट कर दिया। डेढ़ लाख रुपये की सहयोग राशि हो गई इकट्ठा डीएम की इस पहल का बेहतर परिणाम भी सामने आया है। जिले के लोग सहयोग राशि जमा करने में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। जिसका नतीजा है कि इस खाते में अभी तक 1 लाख 51 हजार रुपये की धनराशि इकट्ठा हो चुकी है। जिलाधिकारी की इस पहल से ऐसे लोग जो मदद करना चाहते थे किंतु मदद का उचित माध्यम उपलब्ध नहीं था, उन्हें काफ़ी सहूलियत मिली है।
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