साइकिल पर सेहत का सफर.. पर्यावरण संरक्षण का पैगाम देते हैं संजीव जिंदल – Lok Shakti
November 1, 2024

Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

साइकिल पर सेहत का सफर.. पर्यावरण संरक्षण का पैगाम देते हैं संजीव जिंदल

राजेंद्रनगर के गुलमोहर पार्क के 53 वर्षीय संजीव जिंदल घुमक्कड़ी प्रवृत्ति के हैं। प्रकृति को करीब से देखने की इच्छा को पूरी करने के लिए उन्होंने छह साल पहले साइकिल का हैंडल थामा तो नेपाल तक की यात्रा कर ली। इसके बाद शहर के सैकड़ों लोगों को साइकिल की मुहिम से जोड़ा। इसके चलते लोगों ने उन्हें साइकिल बाबा का नाम दे दिया।संजीव जिंदल कहते हैं कि साइकिल थामी तब इसका कोई अहसास नहीं था कि यही उनकी पहचान बन जाएगी। साइकिल चलाना केवल आवश्यकता नहीं बल्कि ये लंबी उम्र का रथ है। इस पर जो भी सवार हुआ उसने अपनी जिंदगी को आसान बना लिया। घर में कार भी है और बाइक भी। आर्थिक स्थिति भी ठीकठाक है, लेकिन घर से दुकान आने-जाने या छोटे-मोटे काम निपटाने के लिए साइकिल का ही उपयोग करते हैं। इस समय रोजाना 30 से 35 किलोमीटर साइकिल चलाते हैं। इससे शरीर चुस्त-दुरुस्त रहता है और प्रदूषण नियंत्रण में भी योगदान हो जाता है।
बैंकर्स को जोड़ने का किया प्रयास
संजीव जिंदल ने कुछ साल पहले शहर के बैंकर्स को इस मुहिम से जोड़ने का प्रयास किया। उनसे कहा कि वह रोजाना घर से बैंक तक साइकिल से आएं-जाएं। कुछ लोगों ने उस समय तेज गर्मी, धूप की बात कही तो उनसे सर्दियों में इसे जारी रखने को कहा। ऐसे कुछ और नौकरीपेशा लोगों से कहा जिनका फील्ड वर्क नहीं है। केवल घर से ऑफिस आना-जाना होता है। उन्होंने अर्णव जौहरी समेत कई नौजवानों को भी इस मुहिम से जोड़ा है।
पांच साल के रणवीर भी अब तक 2021 किमी चला चुके हैं साइकिल
बरेली। राजेंद्रनगर निवासी अश्वनी कुमार का पांच साल का बेटा रणवीर डेढ़ साल में 2021 किलोमीटर साइकिल चला चुका हैै। रणवीर डेढ़ साल पहले पिता के साथ शौक में साइकिलिंग करने निकले थे। फिर उन्होंने इसे दिनचर्या में ढाल लिया। आज पांच साल की उम्र में रणवीर रोजाना सुबह 20 किलोमीटर साइकिल चलाते हैं। डेढ़ साल में वह अब तक 2021 किमी साइकिल चला चुके हैं। कई प्रतियोगिताएं भी जीतीं है।रणवीर ने बताया कि शुरू में वह पापा के साथ सुबह साइकिल चलाने जाते थे। अब उन्हें इसमें मजा आने लगा है। इस समय वह केजी कक्षा में हैं। आज भी रोजाना 20 किलोमीटर साइकिल चलाते हैं। साइकिल बाबा संजीव जिंदल के साथ भी वह भी कई साइकिल रेस में साथ रह चुके हैं। पिता अश्वनी कुमार ने बताया कि रणवीर रोज सुबह छह बजे उठकर साइकिल चलाने जाता है। रणवीर केरल में हुई एक प्रतियोगिता में हिस्सा ले चुका है। इसमें सबसे कम उम्र का प्रतिभागी रणवीर ही था। प्रतियोगिता 30 दिन की थी। इसमें हर प्रतिभागी को कम से कम पांच सौ किमी साइकिल चलानी थी। रणवीर ने 29 दिनों में 535 किमी साइकिल चलाई थी। इसके अलावा पंजाब में रणवीर ने 30 दिनों की प्रतियोगिता में 414 किमी साइकिल चलाई। इसमें पूरे देश से 760 राइडर्स ने हिस्सा लिया था। रणवीर को इंटरनेशनल बुक्स ऑफ रिकॉर्ड्स की ओर से सबसे कम उम्र के राइडर का खिताब भी मिल चुका है।
शहर में बने साइकिल ट्रैक पर हो गया अवैध कब्जा
बरेली। सपा शासन में श्यामगंज से सेटेलाइट तक साइकिल ट्रैक बनाया गया था, लेकिन अब वह गायब हो चुका है। इस पर टायर, गाड़ी मैकेनिक, कबाड़ी आदि का कब्जा हो चुका है। एक जगह करीब दो फुट चौड़ा और पांच फुट गहरा गड्ढा हो चुका है। इसमें गिरकर आए दिन लोग चुटहिल होते हैं, लेकिन नगर निगम निर्माण विभाग की ओर से आज तक इसकी मरम्मत नहीं कराई गई है। साइकिल ट्रैक पूरी तरह बर्बाद हो चुका है। अवैध कब्जेदारों के खिलाफ न तो कोई कार्रवाई होती है और न ही ट्रैक को बचाया जा रहा है, जबकि स्मार्ट सिटी के तहत शहर में साइकिल ट्रैक बनाने के दावे किए जा रहे हैं। अपर नगर आयुक्त अजीत कुमार सिंह ने बताया कि शहर में आए दिन कब्जेदारों के खिलाफ कार्रवाई होती है। साइकिल ट्रैक से भी कब्जा हटवाया जाएगा।

घुमक्कड़ी जिज्ञासा ने बना दिया साइकिल बाबा, साइकिल से घूम चुके हैं नेपाल तक

बरेली। राजेंद्रनगर के गुलमोहर पार्क के 53 वर्षीय संजीव जिंदल घुमक्कड़ी प्रवृत्ति के हैं। प्रकृति को करीब से देखने की इच्छा को पूरी करने के लिए उन्होंने छह साल पहले साइकिल का हैंडल थामा तो नेपाल तक की यात्रा कर ली। इसके बाद शहर के सैकड़ों लोगों को साइकिल की मुहिम से जोड़ा। इसके चलते लोगों ने उन्हें साइकिल बाबा का नाम दे दिया।

संजीव जिंदल कहते हैं कि साइकिल थामी तब इसका कोई अहसास नहीं था कि यही उनकी पहचान बन जाएगी। साइकिल चलाना केवल आवश्यकता नहीं बल्कि ये लंबी उम्र का रथ है। इस पर जो भी सवार हुआ उसने अपनी जिंदगी को आसान बना लिया। घर में कार भी है और बाइक भी। आर्थिक स्थिति भी ठीकठाक है, लेकिन घर से दुकान आने-जाने या छोटे-मोटे काम निपटाने के लिए साइकिल का ही उपयोग करते हैं। इस समय रोजाना 30 से 35 किलोमीटर साइकिल चलाते हैं। इससे शरीर चुस्त-दुरुस्त रहता है और प्रदूषण नियंत्रण में भी योगदान हो जाता है।

बैंकर्स को जोड़ने का किया प्रयास
संजीव जिंदल ने कुछ साल पहले शहर के बैंकर्स को इस मुहिम से जोड़ने का प्रयास किया। उनसे कहा कि वह रोजाना घर से बैंक तक साइकिल से आएं-जाएं। कुछ लोगों ने उस समय तेज गर्मी, धूप की बात कही तो उनसे सर्दियों में इसे जारी रखने को कहा। ऐसे कुछ और नौकरीपेशा लोगों से कहा जिनका फील्ड वर्क नहीं है। केवल घर से ऑफिस आना-जाना होता है। उन्होंने अर्णव जौहरी समेत कई नौजवानों को भी इस मुहिम से जोड़ा है।

पांच साल के रणवीर भी अब तक 2021 किमी चला चुके हैं साइकिल
बरेली। राजेंद्रनगर निवासी अश्वनी कुमार का पांच साल का बेटा रणवीर डेढ़ साल में 2021 किलोमीटर साइकिल चला चुका हैै। रणवीर डेढ़ साल पहले पिता के साथ शौक में साइकिलिंग करने निकले थे। फिर उन्होंने इसे दिनचर्या में ढाल लिया। आज पांच साल की उम्र में रणवीर रोजाना सुबह 20 किलोमीटर साइकिल चलाते हैं। डेढ़ साल में वह अब तक 2021 किमी साइकिल चला चुके हैं। कई प्रतियोगिताएं भी जीतीं है।

रणवीर ने बताया कि शुरू में वह पापा के साथ सुबह साइकिल चलाने जाते थे। अब उन्हें इसमें मजा आने लगा है। इस समय वह केजी कक्षा में हैं। आज भी रोजाना 20 किलोमीटर साइकिल चलाते हैं। साइकिल बाबा संजीव जिंदल के साथ भी वह भी कई साइकिल रेस में साथ रह चुके हैं। पिता अश्वनी कुमार ने बताया कि रणवीर रोज सुबह छह बजे उठकर साइकिल चलाने जाता है। रणवीर केरल में हुई एक प्रतियोगिता में हिस्सा ले चुका है। इसमें सबसे कम उम्र का प्रतिभागी रणवीर ही था। प्रतियोगिता 30 दिन की थी। इसमें हर प्रतिभागी को कम से कम पांच सौ किमी साइकिल चलानी थी। रणवीर ने 29 दिनों में 535 किमी साइकिल चलाई थी। इसके अलावा पंजाब में रणवीर ने 30 दिनों की प्रतियोगिता में 414 किमी साइकिल चलाई। इसमें पूरे देश से 760 राइडर्स ने हिस्सा लिया था। रणवीर को इंटरनेशनल बुक्स ऑफ रिकॉर्ड्स की ओर से सबसे कम उम्र के राइडर का खिताब भी मिल चुका है।