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एके शर्मा को BJP उपाध्यक्ष बनाना भाजपाइयों को ही चौंका गया, मंत्री बोले- इसी बहाने रुकेंगी अटकलें

हाइलाइट्स:पूर्व आईएएस और मोदी के करीबी एके शर्मा की नियुक्ति कई लोगों को चौंका गईशनिवार को एके शर्मा को बीजेपी का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाए जाने की घोषणा हुई थीनियुक्ति से पहले उन्हें डेप्युटी सीएम तक बनाए जाने की चर्चाएं जोरों पर चल रही थींहालांकि उनकी नियुक्ति पार्टी और सरकार में कई लोगों के लिए आश्चर्य बनी हुई हैलखनऊपूर्व आईएएस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी कहे जाने वाले एके शर्मा को शनिवार को ही उत्तर प्रदेश बीजेपी का उपाध्यक्ष बनाया गया है। उनके बीजेपी का प्रदेश उपाध्यक्ष बनने के साथ पिछले कुछ दिनों से चली आ रहीं उन अटकलों पर भी विराम लग गया जिनमें उन्हें डेप्युटी सीएम तक बनाए जाने का दावा किया जा रहा था। हालांकि उनकी नियुक्ति पार्टी और सरकार में कई लोगों के लिए आश्चर्य की बात बनी हुई है।योगी कैबिनेट में शामिल किए जाने की चर्चा जोरों पर थीपिछले हफ्ते तक, लखनऊ और नई दिल्ली में जोरदार चर्चा थी कि शर्मा को योगी आदित्यनाथ सरकार में शामिल किया जा सकता है। शर्मा की पार्टी के पद पर नियुक्ति के साथ इस बात के संकेत हैं

कि आदित्यनाथ कैबिनेट में प्रस्तावित फेरबदल में देरी होने की संभावना है या यह भी हो सकता है कि विस्तार बिल्कुल ही ना हो। उत्तर प्रदेश बीजेपी प्रमुख स्वतंत्र देव सिंह ने शनिवार को अन्य संगठनात्मक नियुक्तियों के साथ शर्मा की नियुक्ति की घोषणा की।अटकलें थीं डेप्युटी CM बनने की, मिला प्रदेश उपाध्यक्ष का पद…एके शर्मा का डिमोशन या प्रमोशन, ऐसे समझेंबीजेपी नेता बोले, एके शर्मा की नियुक्ति की जानकारी तक नहीं थीसंगठनात्मक गतिविधियों से जुड़े बीजेपी के एक नेता ने कहा, ‘घंटों तक मैं शर्मा की नियुक्ति से पूरी तरह अनजान था। मोर्चा प्रमुखों की नियुक्ति को लेकर विभिन्न स्तरों पर चर्चा हुई, जो शनिवार को भी हुई थी, लेकिन नए उपाध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर चर्चा नहीं हुई। यह मेरे लिए और पार्टी में कई अन्य लोगों के लिए एक आश्चर्य के रूप में आया है।’बीजेपी नेता बोले, शर्मा की नियुक्ति से खत्म होंगी अटकलेंउत्तर प्रदेश के एक अन्य बीजेपी नेता ने कहा कि शर्मा को संगठनात्मक जिम्मेदारी सौंपने से अब यह अटकलें खत्म हो गई हैं कि 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले उन्हें आदित्यनाथ कैबिनेट में एक महत्वपूर्ण विभाग दिया जा सकता है।

गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी शर्मा ने गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यालय और प्रधानमंत्री कार्यालय दोनों में लगभग दो दशकों तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर काम किया था। इस साल जनवरी में शर्मा ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली, बीजेपी में शामिल हुए और उत्तर प्रदेश में विधान परिषद के सदस्य बने।BJP Reshuffle in UP: शर्माजी को नई जिम्मेदारी, इन समीकरणों पर नजर…यूपी में बीजेपी संगठन के ‘गठन’ के क्या मायनेमंत्री बोले, अब कैबिनेट फेरबदल पर लगा सवालिया निशानयोगी सरकार में एक मंत्री ने कहा कि शर्मा को संगठनात्मक कार्य की जिम्मेदारी दिए जाने से आदित्यनाथ मंत्रिमंडल के विस्तार या फेरबदल पर सवालिया निशान लग गया है। मंत्री ने कहा, ‘अब ऐसा लगता है कि कैबिनेट फेरबदल के बारे में सभी अटकलों पर विराम लगा दिया गया है। कैबिनेट फेरबदल में देरी हो सकती है या नहीं हो सकती है।’बीजेपी नेता का दावा, शर्मा को मंत्री बनाने की कभी नहीं हुई चर्चाहालांकि, उत्तर प्रदेश बीजेपी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी का दावा है कि शर्मा को योगी सरकार में शामिल करने की कोई योजना या चर्चा नहीं थी और यह सिर्फ अटकलें थीं। उन्होंने दावा किया, ‘मंत्रिमंडल विस्तार या शर्मा को उत्तर प्रदेश में मंत्री बनाना मुख्यमंत्री की हालिया दिल्ली यात्रा के दौरान चर्चा का हिस्सा भी नहीं था।’